कुछ समय पूर्व भी एक छात्र की फिसलने से ही हुई थी मृत्यु
उदयपुर। सिंघानिया यूनिवर्सिटी के एक और छात्र की रविवार शाम भटेवर तालाब में डूबने से मृत्यु हो गई। उसका शव सोमवार दोपहर निकाला गया। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन इसे दुखद हादसा मान रहा है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामान्य है लेकिन जानकारों के अनुसार छात्र शराब एवं अन्य नशे का आदतन था। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व एक और छात्र अखंड का भी इसी तालाब में शव मिला था।
सूत्रों के अनुसार कानपुर निवासी प्रशांत सिंह यहां बीटेक फोर्थ ईयर में अध्य्यन कर रहा था। कल शाम आउटिंग के दौरान वह अपने दोस्तों के साथ भटेवर तालाब पहुंचा जहां नहाने उतरा। बताया गया कि वह एल्कोहल के नशे में था हालांकि पोस्टयमार्टम रिपोर्ट में कुछ भी नहीं आया। सूत्रों का कहना है कि असिस्टें ट वार्डन मुकेश मिश्रा की ओर से गत नवम्बर 2013 में प्रशांतसिंह एवं उसके साथ चार अन्यो छात्रों की इसी तरह के व्यवहार को लेकर शिकायत की गई थी लेकिन विश्वाविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसका नतीजा आज इस दुर्घटना के रूप में देखने को मिला। अगर समय पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो गई होती तो शायद आज प्रशांत जिंदा होता। प्रशांत ने अपनी फेसबुक आईडी पर 26 दिसंबर को स्टेटस अपडेट भी कर रखा है कि सस्पेंडेड विद . . . . ।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय में निरंतर नशे की प्रवृत्तियां बढ़ती जा रही हैं जिनकी परिणति बाद में ऐसे अनचाहे हादसों में बदल जाती है। विश्वीविद्यालय प्रशासन को इस ओर ध्यातन देना चाहिए। कुछ समय पूर्व अखंड नामक छात्र की भी इसी तालाब में पैर फिसल जाने से ही मृत्यु हो गई थी।
विश्व विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी दीपक गौड़ का कहना है कि ऐसे दुखद हादसे के बारे में बात करना भी दुखद है। उसका पांव फिसल गया। सूचना मिलने पर मैं खुद वहां मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आपके सामने है। उन्होंेने नवम्बरर में प्रशांत सिंह एवं अन्यि के खिलाफ किसी तरह की शिकायत मिलने से भी इनकार किया। अखंड की मृत्युव के बारे में उन्होंसने कहा कि वह तो वाकई में डिप्रेशन का शिकार था। उसके पिता ने भी स्वीकार किया था। हालांकि प्रशांत के साथ अब तक ऐसी किसी समस्याे का जिक्र नहीं आया है।