इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार विषय पर सम्मेलन
उदयपुर। पेसिफिक यूनिवर्सिटी के संरक्षक प्रो. आर. के. एरन ने कहा कि कोई भी देश बिना मूल नवाचार के उन्नति नहीं कर सकता व इंजीनियरिंग मे छोटे-छोटे विचारों का महत्वपूर्ण योगदान है।
वे अरावली इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्ट्डीज, उदयपुर, डिवीजन 4 एस.आई.जी-डब्यूनेसे एनएस, उदयपुर चैप्टर कम्पयूटर सोसाईटी ऑफ इंडिया, दी इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के संयुक्त तत्वावधान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को मुख्यर अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि समय बहुत कीमती है। छात्रों को समय का नवाचरों में अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि पेसिफिक इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. एस. के. शर्मा ने सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
अरावली इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्ट्डीज, उदयपुर के निदेशक डॉ. अशोक जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन अध्यक्ष अमित जोशी ने बताया कि संगोष्ठी में 60 पत्रों का वाचन हुआ। मानद सचिव डॉ. धर्मसिंह ने राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला का महत्व बताया। अरावली के समूह निदेशक हेमन्त धाभाई ने अतिथियों को धन्यवाद दिया।
मुख्य अनुशंसाएं
– किसी भी नवाचारों को पूर्ण सफल बनाने के लिए उपयोगकर्ताओं का नजरिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
– प्रतिभागियों को नए-नए खोज पत्रों के द्वारा इंजीनियरिंग की कई नई उपलब्धियों को आज के परिप्रेक्ष्यक में पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
– आज के खोजकर्ताओं को पुराने खोजकर्ताओं और नवाचारों से अंत: प्रेरणा लेनी चाहिए जिससे वे देश की उन्नती में सहायक बन सके।
– ऐसी तकनीकी संगोष्ठिया नियमित रूप से आयोजित करनी चाहिए ताकि आने वाली पिढ़ी को आधुनिक तकनीकी खोज की प्रेरणा मिलती रहें।