यों तो हर साल कोई न कोई उत्सव, पर्व, जयंती, तिथि और दूसरे सभी प्रकार के अवसर आते रहते हैं पर आज का अवसर कुछ खास है जो हर साल नहीं आता बल्कि पाँच साल में एक बार आता है और हमारी जिन्दगी से लेकर क्षेत्र और देश तक की तकदीर गढ़ जाता है।
इसलिए आज का दिन हम सभी के लिए हर मामले में खास है। यह वो दिन है जिस दिन हमें जो कुछ करना है वह दूरदर्शिता के साथ खूब सोच-समझ कर करना है क्योंकि इस एक दिन की गई गलती का पछतावा हमें पाँच साल तक निरन्तर बना रहता है।
इसलिए जो कुछ निर्णय लें वह ऎसा लें कि हमें आज के बाद कभी पछताना नहीं पड़े। भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव के रूप में लोकसभा चुनाव के लिए आज का दिन मतदान महापर्व है जो देश की हर इकाई के लिए वह जरूरी काम है जिसके आगे दूसरे सारे काम और प्राथमिकताएँ गौण हैं।
यह हमारा अधिकार भी है और हमारे भविष्य की राह तय करने का मौका भी। लोकतंत्र की मजबूती के लिए समर्पण भाव से जुटना हम सभी नागरिकों की प्राथमिक जिम्मेदारी है जिसका निर्वाह करने में हम जरा सा भी चूके तो फिर न अपने आपको कुछ कह पाएंगे, न किसी और को दोष दे पाएंगे।
आज का दिन हमारे लिए वह निर्णायक घड़ी लेकर आया है जब हमारी दशा और दिशा तय करने का अधिकार हमारे पास है, वह कुंजी, ‘मास्टर की’ हमारे पास है जिससे हम भविष्य की पगडण्डियों से लेकर फोर लेन तक को पा सकने के लिए समर्थ हैं।
एक-एक वोट अमूल्य है जिसकी कोई कीमत कभी नहीं आंकी जा सकती, इसे हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। जो अपने वोट की कीमत जानते हैं उनके लिए कोई समस्या नहीं लेकिन जरूरत इस बात की है कि हम आज के दिन वो प्रयास करें कि सभी क्षेत्रों में शत-प्रतिशत मतदान हो, सभी मतदाता मतदान का फर्ज निभाएँ और कोई भी मतदाता ऎसा नहीं रहे जो वोट डालने से बचा रह जाए।
वोट डालना जिस प्रकार हमारा फर्ज है, उसी प्रकार अपने परिवार, आस-पास और अपने क्षेत्रों में सभी मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करना भी हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व है। सरकार बनाने में हरेक की भागीदारी का होना ही देश के लिए जरूरी है और इसी से लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूती दी जा सकती है।
आज कोई चूके नहीं, कोई चूक न हो जाए, सभी मतदाता वोट डालें। वोट किसी को भी दें, मगर वोट जरूर दें। हमारा वोट हमारा भाग्य बनाता है और देश की तकदीर गढ़ता है। यह वोट नहीं लोकतंत्र का वो उत्सव है जिसमें हम सब की सहभागिता जरूरी है। आइये आज के दिन सच्चे नागरिक के रूप में अपने फर्ज को निभाएं। मतदान अवश्य करें, यह अपना अधिकार है।
– डॉ. दीपक आचार्य