इन्स्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स एवं रोटरी क्लब का संयुक्त आयोजन
उदयपुर। आवास उपलब्धता के लिए भूमि की कमी का एक प्रमुख कारण कतिपय लोगों द्वारा जमीनों में अत्यधिक निवेश भी है। आबादी क्षैत्रों में कई वर्षों से रिक्त भूमि का युक्तियुक्त आंकलन कर व्यापक हित में उपयोग करने तथा हर वर्ग के लिए बहुमंजिला इमारतों के उर्ध्वाधर निर्माण से आवास समस्या का निराकरण किया जा सकता है।
ये विचार नगर विकास प्रन्यास सचिव रामनिवास मेहता ने व्यलक्तक किए। वे शनिवार को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स तथा रोटरी क्लब के साझे में सहभागी सतत विकास पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मेहता ने कहा कि जागरूक नागरिक प्रयासों, उपयुक्त तकनीकों एवं सरकारी योजनाओं के प्रभावी व गतिशील सम्मिश्रण से विकास के हर आयाम को प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि सीटीएई के अधिष्ठाता डॉ. बी. पी. नन्दवाना ने कहा कि अभियन्ता वर्ग को ऐसी तकनीकों का प्रसार करना चाहिए जिससे गरीबी, बेरोजगारी कम हो व प्राकृतिक संतुलन बना रहे। सेमीनार में राजनैतिक विज्ञानी प्रो. अरूण चतुर्वेदी ने गरीबी एवं विस्थापन के सन्दर्भ में राज्य की भूमिका का विवेचन किया। माही हाइडल प्रोजेक्ट के उप मुख्य अभियन्ता एस.के. मालोत तथा कोटा थर्मल प्रोजेक्ट के प्रसन्न माहेष्वरी ने पर्यावरण हितैषी उर्जा उत्पादन पर प्रस्तुतिकरण किया।
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च नई दिल्ली के प्रखर जैन तथा अमनदीप सिंह ने शहरों में सेनिटेशन व खुले में शौच निवृत्ति की भयावह स्थिति का चित्रण किया। जैन ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार छह शहरों में सेनिटेशन पर अध्ययन करवा रहा है। इससे उदयपुर भी सम्मिलित है। यह अध्ययन देश की सेनीटेशन पॉलिसी निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
माई एन्कर फाउण्डेशन, नई दिल्ली की निदेशक सुमिता शेखर ने गांवों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए किये जा रहे नागरिक प्रयासो को बताया। सीटीएई के प्रो. पी. के. सिंह ने जलग्रहण विकास तथा गॉवों में जल उपलब्धता बढाने की विभिन्न आसान व अल्प लागत की तकनीको का प्रदर्शन किया। विद्याभवन पॉलीटेक्निक के नितिन सनाढ्य ने कहा कि गांवों में युवा वर्ग को तकनीकी हुनर सिखाने से वे सक्षम बनेगें। मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नन्दकिशोर शर्मा तथा चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने स्वैछिकता व नागरिकता पर प्रकाश डालते हुए झूठन से अन्न की बरबादी रोकने का आहवान किया।
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. एस. के कल्ला तथा उदयपुर के अध्यक्ष ए.एस. चूण्ड़ावत ने कहा कि इंस्टिट्यूशन के माध्यम से अभियन्ता वर्ग सामाजिक आर्थिक पर्यावरणीय विकास व संतुलन के लिए समर्पण व पूर्ण क्षमता से कार्य कर रहा है। आयोजन सचिव अनिल मेहता तथा उद्योगपति रमेश चौधरी ने आयड़ नदी सुधार की इको तकनीकी का प्रदर्शन किया। धन्यवाद सचिव डॉ. धर्मसिंह ने दिया तथा संचालन प्रियंका पालीवाल ने किया।