उदयपुर स्थापना दिवस पर संगोष्ठी 30 को
उदयपुर। नगर निगम एवं उदयपुर स्थापना समारोह समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे चार दिवसीय कार्यक्रमों के दूसरे दिन बुधवार 30 अप्रैल को वैचारिक संगोष्ठी भूपाल नोबल्स महाविद्यालय के कुम्भा सभागार में होगी।
समिति के मुख्य संरक्षक भंवर सेठ एवं संरक्षक प्रो. विमल शर्मा के अनुसार संगोष्ठी का विषय उदयपुर का जल प्रबंधनः अतीत से वर्तमान तक निर्धारित है। समिति के मुख्य संयोजक दिलीपसिंह राठौड के अनुसार मेवाड़ के महाराणाओं की जल प्रबंधन संबंधी दूरदर्षी योजनाओं, झीलों एवं बावड़ियों का निर्माण जैसे महाराणा उदयसिंह द्वारा निर्मित उदयसागर झील, महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित जयसमंद झील, महाराणा फतहसिंह द्वारा निर्मित फतह सागर झील, इसी प्रकार स्वरुपसागर, पिछोला, बड़ी का तालाब आदि जलाषयों का निर्माण समय-समय पर करवाया गया जो कि आज साढे चार सौ से अधिक वर्षो के बाद भी अपनी महती उपयोगिता सिद्व कर रहे है। शहर के सौदर्य के साथ ही अधिकांष आबादी के पेय जल के मुख्य स्त्रोत सिद्व हो रहे है । इसी प्रकार प्राचीन मेवाडकाल में तत्कालीन महाराणाओं, उनकी महारानियों एवं सामंतों द्वारा नगर में एवं नगर को बाहरी क्षेत्रों से जोडने वाले विभिन्न मार्गों पर आवश्ययकता के अनुसार विभिन्न बावडि़यों का निर्माण कराया गया। इनमें देबारी की बावड़ी, मांझी की बावड़ी, गुलाब बाग स्थित बावड़ी प्रमुख हैं। वर्तमान में जलदाय विभाग द्वारा इनका पानी शहर की जल आपूर्ति में लिया जा रहा है। आजादी के बाद की सभी सरकारों ने बढती पेयजल मांग को देखते हुए कई प्रयास किये जैसे कि मानसी वाकल योजना, बाघेरी नाका, झामरी बांध योजना आदि। इस संगोष्ठी में इन समस्त योजनाओं पर विषेषज्ञो द्वारा समयोचित मंथन किया जायेगा।
संगोष्ठी समन्वयक ड़ॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि इस संगोष्ठी में उदयपुर शहर के जल प्रबंधन हेतु विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थाओं, विष्वविद्यालयो एवं सरकारी महकमों में जारी विभिन्न शोध आधारित जानकारी , शोधपत्रों का वाचन, व्याख्यान आदि प्रस्तुत किये जाएंगे। विषय विषेषज्ञों द्वारा शहर के जल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को पावर पोइन्ट प्रजेन्टेशन से समझाते हुए भावी चुनौतियां एवं संभावनाओं पर विस्तृत चिन्तन किया जायेगा। इस अवसर पर प्रताप शोध संस्थान द्वारा ऐतिहासिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि की रोचक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकों की एक लघु प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की जाएगी।