चलना भी मुहाल था मरीज का
उदयपुर। भीलों का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में पैर की हड्डी में बरसों पुरानी गांठ का सफल ऑपरेशन किया गया। गांठ के कारण राजसमंद निवासी 25 वर्षीया देविका का चलना मुहाल था। ऑपरेशन के बाद देविका स्वस्थ है और आराम से चल-फिर पा रही हैं।
संस्थान के डॉ. डी. पी. अग्रवाल ने बताया कि राजसमन्द निवासी 25 बर्षीय देविका के पिछले 15 सालो से दायें पैर में हड्डी की गॉठ जो कि लगभग एक किलो वजनी नस एवं खून की नली के नीचे बढ़ रही थी। देविका के परिजनों ने जब इसे पीएमसीएच में डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी को दिखाया तो जांच में पाया कि यह गांठ अब आकृति में बढ़ रही हैं जो कभी भी कैन्सर में परिवर्तित हो सकती हैं और कई बार मरीज के पांव काटने तक की नौबत भी आ जाती है तो ऐसी स्थिति में ऑपरेशन ही इसका आखिरी रास्ता था। यह गांठ का ऑपरेशन जटिल होने के साथ-साथ खतरे वाला था क्योकि इस ऑपरेशन में पांव की पोपलिटियल नस एवं खून की नली क्षतिग्रस्त हो सकती थी एवं मरीज का पैर नष्ट हो सकता था।
डॉ. कागजी ने बताया कि हड्डी की ऐसी गॉठ बच्चो के कम उम्र में हो जाती है एवं कई वर्षों तक इसका पता नहीं चलता जब तक कि गांठ बडी़ न हो जाए या दर्द न करे। इसे ओस्टिया कोन्ड्रोीमा कहा जाता है जो कि भबिष्य में कभी-कभी ओस्टियो सारकोमा कैन्सर में बदल सकता हैं। लगभग तीन घण्टे तक चले इस जटिल एवं जोखिम भरे ऑपरेशन को डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी, डॉ. तरूण भटनागर, अजय चौधरी, बृजेश भारद्वाज एवं सुभाष की टीम ने अंजाम दिया।