पूर्व विधानसभाध्य्क्ष शांतिलाल चपलोत ने कहा
उदयपुर। पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने कहा कि आज भी अनेक मोर्चों पर व्यक्ति संघर्ष से जूझ रहा है। ऐसे में प्रत्येक जन क्षमता अनुसार दान एवं सहयोग करें, भामाशाह-वृत्ति बढ़ाकर आगे आएं एवं समाज और राष्ट्र की सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था में योगदान दें, यही भामाशाह को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वे शनिवार को हाथीपोल स्थित पार्क में भामाशाह जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंमने कहा कि भामाशाह ने त्याग, तपस्या एवं शौर्य से स्वतंत्रता के पुरोधा महाराणा प्रताप के अनन्य सहयोगी एवं हरावल दस्ते के नायक के रूप में वीरता के साथ राष्ट्रहित में अर्थदान के महत्व एवं त्याग को कथनी-करनी से जो उत्कृष्टब उदाहरण प्रस्तुत किया वह विश्व के इतिहास में अनूठा है।
अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध समाजसेवी एवं दानवीर किरणमल सावनसुखा ने कहा कि यह स्थल देश एवं विदेश के सैलानियों के साथ-साथ नागरिकों के लिये भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए ताकि यह प्रेरणा पुंज स्थल आने वाली पीढ़ी को भामाशाह वृत्ति उत्तरोत्तर बढ़ाने में एवं जो मेरा है वह राष्ट्र का है, इस कथन को साकार करने में सफल हो यही भामाशाह के कृतित्व का प्रेरणा-पथ बने। विशिष्ट अतिथि डॉ. देव कोठारी, प्रेमसिंह शक्तावत, पार्षद पारस सिंघवी आदि ने भी संबोधित किया।
मंच के मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने कहा कि भामाशाह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को आगामी पीढ़ी तक अनुकरणीय बनाने में महावीर युवा मंच इस वर्ष इस कार्ययोजना को हाथ में लेकर भामाशाह के जीवन से संबंधित प्रसंग स्थलों को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में अक्षुण रखने हेतु कार्य करेगा। मंच अध्यक्ष निर्मल पोखरना ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि मंच भामाशाह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को एक ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित करेगा तथा विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से वर्ष पर्यन्त कार्यक्रम करेगा। कार्यक्रम संयोजक अर्जुन खोखावत ने भामाशाह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। जन्म से देहावसान तक के सम्पूर्ण जीवन वृत को जनता के सम्मुख रखा। आभार मंच महामंत्री मनोज मुणेत ने आगामी योजनाओं की जानकारी के साथ दिया। कार्यक्रम सहसंयोजक कमल कांवड़िया एवं नीरज सिंघवी ने भामाशाह के प्रतीक चिह्न को अतिथियों को मेवाड़ी पगड़ी पहनाते हुए भेंट किये। समारोह के अन्त में विभिन्न समाजों के अध्यक्ष एवं संस्थाओं के प्रमुख तथा इतिहासकारों का अतिथियों ने भामाशाह का प्रतीक चिह्न भेंट करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह वृत्ति बढ़ाने में सभी जन सहयोगी बनेंगे।
समारोह में उपस्थित विभिन्न समाजों के प्रमुख एवं पदाधिकारियों ने भी पुष्पाजंलि अर्पित की जिसमें आर. के. धाबाई, प्रहलाद चौहान, महाराणा प्रताप सेना के संभागीय अध्यक्ष अशोक जैन आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मंच के पदाधिकारी राजेश चित्तौड़ा, भगवती सुराणा, हर्षमित्र सरूपरिया, नीरज सिंघवी, बसन्त खिमावत, रमेश सिंघवी, अरविन्द सरूपरिया, नेमी जैन, सतीश पोरवाल, संजय नागौरी, मुकेश हिंगड़ आदि ने भी भामाशाह को पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह के पश्चात् मंच के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य महासतिया स्थित भामाशाह की छतरी स्थल पर गये एवं पुष्पांजलि अर्पित की एवं उक्त स्थल के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण हेतु सम्पूर्ण प्रयास करने का संकल्प लिया।