मानव तस्करी यूनिट ने छुड़वाया बालिका को
उदयपुर। युवती को घर में बंद कर उससे नौकरी करवाने के मामले में शहर में एक चिकित्सक दंपती के खिलाफ सुखेर थाने में मामला दर्ज किया गया है। युवती आसाम निवासी बताई गई है।
पुलिस अधीक्षक अजयपालसिंह लाम्बा ने बताया कि चाइल्ड लाइन को गत 24 जून को नवरतन कॉम्पलेक्स के बाहर एक बालिका के खड़े होने की जानकारी मिली। चाइल्ड लाइन के सदस्य वहां पहुंचे तब तक एक महिला कार में उस बालिका को वहां से ले गई। जानकारी मिलने पर मानव तस्क री यूनिट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक लाभूराम वहां पहुंचे जिन्हेंन चाइल्डल लाइन के भूपेन्द्रासिंह झाला एवं सूर्यकमल ने उन्हेंन सारी जानकारी दी। बालिका की तलाश की गई इस पर वह नवरतन कॉम्प्लेक्सव निवासी डॉ. के. के. बाबेल के घर मिली। उनसे पूछा गया तो उन्होंवने लड़की को बुलाया। वह मूक बधिर थी। साथ ही शारीरिक रूप से भी काफी कमजोर थी। डॉ. बाबेल ने बताया कि यह लड़की आशा पुत्री धर्मेश्वर निवासी भेडभेडी जिला सोनितपुर आसाम की है। यह गत करीब डेढ़ वर्ष से उनके घर रह रही है। इसकी बडी़ बहन पुनीता पहले उनके यहां नौकरी करती थी। तब आशा के पिता उसे पुनीता के साथ यहां छोड़ गए। आशा के यहां आने के चार-पांच महीने बाद पुनिता ने नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में शादी कर ली। इशारों से पूछताछ में आशा ने वहां से पुलिस के साथ जाने की इच्छा जताई। इस पर पुलिस ने आशा को सम्बल महिला अल्पावास गृह में भेज दिया। आशा का मेडिकल परीक्षण कराया गया जिसमें वह बालिग पाई गई। इशारों से तैयार प्रश्नोत्तरी के आधार पर संज्ञेय अपराध पाया गया जिस पर सुखेर थाने में आरोपी चिकित्सक दंपती डॉ. के. के. बाबेल एवं उनकी पत्नीग चेतना बाबेल के विरुद्ध मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।