हर्षोल्लास से मनाई गई गुरु पूर्णिमा
उदयपुर। गुरु को भगवान से उपर का दर्जा दिया गया है। ऐसे ही गुरु का आराधना दिवस गुरु पूर्णिमा के रूप में शनिवार को मनाया गया। अलसुबह से जहां गुरुजन गादी पर विराजित हुए और भक्तों की कतारें लगी वहीं भक्तों को गुरुजनों ने गुरु मंत्र प्रदान किया।
शहर के मंदिरों, शिक्षण संस्थाओं में भी आयोजन हुए। कहीं गुरुजनों की चरण पादुकाओं का पूजन किया गया तो कहीं गुरुजनों का वंदन कर आशीर्वाद लिया गया। अस्थल मंदिर में महंत मुरली मनोहर शरण शास्त्री के गुरु चरणों से आज्ञा प्राप्त कर महंत रास बिहारी शरण ने भगवान द्वारकाधीश का पंचामृत से स्नान, पुरुष सूक्त से अमृताभिषेक व त्रिंशोपचार पूजन किया। इस दौरान आने वाले भक्तों ने सुबह से ही यहां गुरु वंदन, स्तवन, गुरु गीता, गोपाल सहस्रनाम का पाठ किया।
सूरजपोल फतह स्कूल के सामने स्थित निरंजनी अखाड़ा वाले बालाजी मंदिर में पूर्व महंत की समाधि पूजा कर अर्चना की गई। फिर सुबह महंत सुरेश गिरी गादी पर विराजित हुए। शिष्यों को आशीर्वाद प्रदान करने के साथ नए शिष्यों को दीक्षा प्रदान की। बालाजी की पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
गायत्री शक्तिपीठ परिसर में सुबह पूजा अर्चना के बाद नौ कुण्डीय यज्ञ हवन हुआ। फिर अन्नप्राशन, नामकरण, विद्यारंभ आदि संस्कार हुए। कार्यक्रम में जिले भर से आए साधकों ने हिस्सा लिया। सूरजपोल अंदर कुमावतपुरा स्थित रामद्वारा में सुबह से उत्सव शुरू हुआ। कैलाशपुरी स्थित श्रीएकलिंगनाथ भगवान की सुबह अभिषेक आरती, फिर शृंगार आरती हुई।