मथुरा द्वारिकाधीश मंदिर के महंत का घुटनों का ऑपरेशन
उदयपुर। मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर के महंत अब वापस प्रभु की पूजा आराम से बैठकर कर सकेंगे। घुटने टेढ़ होने एवं दर्द के कारण वे कई वर्षों से परेशान थे। उनका उपचार भीलों का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेसिफिक मेडिकल एंड हॉस्पिटल में किया गया।
पीएमसीएच में ख्याति प्राप्त अस्थि रोग सर्जन डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी ने उनका परीक्षण किया। डॉ. कागजी ने बताया कि जांच में महंत बलदेव प्रसाद के दोनों घुटने बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके थे एवं पैर भी टेढे हो गए थे इसलिए घुटनो का ऑपरेशन करना जरूरी हो गया था। लगभग दो घण्टे तक चले इस ऑपरेशन को डॉ. कागजी के साथ डॉ. अनीता सुराणा, बृजेश भारद्वाज, अजय चौधरी, भरत व सुभाष की टीम ने अंजाम दिया।
ऑपरेशन में दोनों पांवों में विशेष प्रकार की डिजाइन के कृत्रिम घुटने इस्तेमाल किए गए। डॉ. कागजी के अनुसार एक विशेष प्रकार की डिजाइन एवं बहुत छोटे चीरे से किए गए ऑपरेशन में मरीज को दर्द बहुत कम होता है एवं घुटने ऑपरेशन के तुरन्त वाद पूरी तरह से इस प्रकार मुड़ सकते हैं कि मरीज आसानी से आलती पालथी मार के बैठ सकता है। अब महंतजी के दोनों पांव पूरी तरह से सीधे हो चुके है एवं शीघ्र ही वह फिर से द्वारिकाधीश मन्दिर में अपने पूजा का क्रम शुरू कर सकेंगे।
संस्थान के डॉ. डी. पी. अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण ऑंपरेशन में प्रत्येक मरीज पर आने वाला लगभग चालीस से पचास हजार रुपए पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन की तरफ से वहन किए जाते है। ऐसे घुटना प्रत्यारोपण में मरीज को दुनिया की सर्वोतम जॉनसन एण्ड जॉनसन कम्पनी का घुटना लगाया जाता है।