स्किल डवलपमेन्ट विषयक कार्यशाला आरंभ
उदयपुर। एक तरफ जहां देश में हुनरमंद, योग्य एवं दक्ष तकनीकी कार्मिकों की भारी कमी है, वहीं बड़े पैमाने पर युवा बेरोजगार हैं। ऐसे में भारत सरकार के नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क, एनएसडीएफ से उपरोक्त दोनों समस्याओं से निजात मिलेगी। देश के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पादन, जीडीपी में बढ़ोतरी होकर समग्र विकास होगा।
ये विचार नेशनल टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एवं रिसर्च इन्स्टीट्यूट (नाईटर, चण्डीगढ़) के प्रो. जे. एस. सैनी ने भारत सरकार की स्किल डवलपमेंट (हुनर विकास) योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए व्यक्त किए। विद्या भवन पॉलिटेक्निक, उदयपुर सहित देश के विभिन्न राज्यों में माध्यम से आयोजित हुनर विकास (स्किल डवलपमेन्ट) सम्बंधित पांच दिवसीय कार्यषाला को सम्बोधित करते हुए सैनी ने कहा कि अब कोई भी व्यक्ति आईटीआईए डिप्लोमा, इंजीनियरिंग संस्थानों में औपचारिक रूप से शिक्षा लिये बगैर, एनएसडीएफ अनौपचारिक माध्यम से भी, निर्धारित हुनर व ज्ञान को अर्जित कर सकता है।
कार्यक्रम में प्रो. वाई. के. आनंद ने कहा कि वित्त मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सम्बंधित नेशनल स्किल डवलपमेन्ट एजेन्सी के माध्यम से शीघ्र ही हुनर विकास के दस विभिन्न स्तरों को प्राप्त करने के अवसर सभी को उपलब्ध होगें। हर व्यक्ति एक स्तर का हुनर प्राप्त कर उद्योग अथवा सम्बंधित कार्यक्षेत्र में जा सकता है तथा अनुभव लेकर पुनः अगले स्तर का ज्ञान व हुनर प्राप्त कर सकता है। इस तरीके से उद्योगों व बाजार मांग के अनुरूप तकनीकी, व्यवहारिक एवं हुनर प्राप्त तकनीकीविद् मिल सकेंगे। विद्या भवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य अनिल मेहता ने कहा कि देश में तकनीकी संस्थाओं का व्यापक विस्तार हुआ है लेकिन निर्धारित मानकों की दक्ष, योग्य व हुनरमंद तकनीकी जनशक्ति तैयार नहीं हो पा रही है । सरकार के इस नये प्रयास से उद्योग एवं समाज को लाभ मिलेगा।