उदयपुर। झील परिधि क्षेत्रों में शराब बिक्री से झीलों के किनारे व घाट शराबियों के अड्डे बन गए है। इससे आमजनों, महिलाओं व पर्यटकों को खासी परेशानी हो रही है। भारी मात्रा में शराब की खाली बोतलों का विसर्जन हो रहा है। यह चिंता रविवार को झील संवाद में वक्ता।ओं ने जताई। संवाद झील संरक्षण समिति, चांदपोल नागरिक समिति एवं डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के साझे में किया गया।
संवाद में झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वो प्राकृतिक पर्यटन एवं धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों की आधा किलोमीटर परिधि में शराब व पोलिथिन की बिक्री, उपयोग पर तुरंत प्रतिबन्ध लगाएं। ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा तथा सरोवर विज्ञानी डॉ. फातिमा लियाक़त ने कहा कि किनारों व घाटों पर बड़ी संख्या में शौच निवृति तथा झीलों में कचरे गंदगी का विसर्जन नागरिक सजगता एवं प्रशासनिक इच्छा शक्ति से ही बंद होंगे। चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल एवं कैलाश कुमावत ने कहा कि झीलों में भरी अवैध मत्स्याखेट हो रहा है, वहीं इन शिकारियों में कई असामाजिक तत्व भी है। प्रशासन को इसे रोकना चाहिए। श्रमदान में कुशाल रावल, रमेश राजपूत, रामलाल गहलोत, राजू हेला, अम्बालाल, भंवरलाल, कैलाश कुमावत, नितिन सोनी, प्रताप सिंह, भंवर भारती, सरस्वती टेलर, फातिमा लियाकत, तेजशंकर, गंगाशंकर जेठी, लियाकत हुसैन, अनिल मेहता एवं नंदकिशोर शर्मा ने भाग लिया।