132 गाडिय़ां अटकी, 23 हजार कर्मचारी हड़ताल पर
उदयपुर। रोडवेज उदयपुर आगार से संबंधित कर्मचारियों के चारों संगठनों से जुड़े कर्मचारी दो दिवसीय प्रदेशव्यापी हड़ताल पर उतर गए हैं। हड़ताल कल रात 12 बजे से ही शुरू हो गई। इससे 132 बसों का संचालन नहीं हो पाया। इसके चलते करीब सात हजार यात्रियों को परेशानी हुई।
इस कारण यात्री रेलों में खासी भीड़ देखी गई। हालांकि आमजन की परेशानी को देखते हुए परिवहन विभाग की ओर से निजी बस संचालकों को 40 अस्थाई लाइसेंस दिए हैं। आज सुबह समिति संयोजक महेश उपाध्याय के साथ मिलकर रोडवेज के कर्मचारी ने विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
राज्य सरकार द्वारा राजस्थान बस पोर्ट कार्पोरेशन के गठन करने और राष्ट्रीयकृत मार्गों को अराष्ट्रीयकृत घोषित करने के विरोध में कर्मचारियों ने 18वें दिन भी आंदोलन जारी रखा। संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता सत्यनारायण शर्मा ने बताया की निजीकरण के नाम पर रोडवेज की 60 हजार करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति को कॉर्पोरेशन के हाथों देने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर कर्मचारियों का आंदोलन जारी है और सरकार द्वारा निर्णय वापस नहीं लेने तक जारी रहेगा। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान बस पोर्ट कार्पोरेशन के गठन करने और राष्ट्रीयकृत मार्गों को अराष्ट्रीयकृत करने के मामले को लेकर विभाग के लगभग 23 हजार कर्मचारी हड़ताल पर है। उदयपुर संभाग में उदयपुर, राजसमंद, नाथद्वारा, बांसवाड़ा, सलूंबर, चित्तौड़ सहित अन्य क्षेत्रों के कर्मचारी हड़ताल पर उतर गए हैं।