वेदांता के अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
उदयपुर। वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर राज्य में उपलब्धं संसाधनों से उर्वरक उत्पादन कर देश भर में उपलब्ध कराने सम्बन्धी पत्र लिखा है।
अग्रवाल ने पत्र में बताया कि भारत दुनिया का उर्वरक उत्पादन व खपत में तीसरा बड़ा राष्ट्र है, इसलिए किसानों के हित में भारत सरकार ने उवर्रक में सब्सिडी का प्रावधान रखा है। गौरतलब है कि उवर्रक के क्षेत्र में भारत अधिकतर आयात पर निर्भर है। लगभग 100 प्रतिशत पोटास तथा 90 प्रतिषत फॉस्फेट आयात से आता है। भारत तकरीबन एक तिहाई यूरिया भी आयात करता है।
भारत में राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां पोटास, फॉस्फेट तथा गैस के प्रचूर भण्डार है तथा भारत के किसानों के लिए, जो सस्ती उर्वरक चाहते है, उपलब्ध हो सकते है। भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग के अनुसार राजस्थान में नागौर तथा गंगानगर के बीच तकरीबन 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पोटास होने के प्रमाण मिले है। क्योंकि भारत में पोटास का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए पोटास के इन प्रचुर भण्डारों को विकसित तथा उपयोग कर महत्वपूर्ण उर्वरक आपूर्ति की जा सकती है तथा बहुमूल्य आयात खर्च बचाया जा सकता है।
भारत में रॉक फॉस्फेट के तकरीबन 250 मिलियन टन भण्डार भी उपलब्ध है जिसमें से तकरीबन 150 मिलियन टन उर्वरक के इस्तेमाल में योग्य है। गौरतलब है कि 150 मिलियन टन में से मात्र राजस्थान में 80 मिलियन टन सुरक्षित भण्डार उपलब्ध है। भारत तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये की उर्वरक का आयात करता है। इसके अतिरिक्त तकरीबन 70,000 करोड़ की भारतीय किसानो को सबसिडी दी जा रही है। अगर सरकार गैस के दाम 4 रुपए प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट बढ़ा देती है तो करीब 40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार सरकार पर पड़ेगा जिससे उर्वरक सब्सिडी 1,05,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। उर्वरक के आयात पर होने वाले खर्च को कम करने तथा उर्वरक सब्सिडी को भी कम करने के लिए जरूरी है कि हम राजस्थान पोटास, फॉस्फेट तथा गैस भण्डारों को विकसित करें तथा उर्वरक के उत्पादन पर जोर दें। इससे राज्य में अपूर्व रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा बेरोजगारी भी दूर होगी।