क्षेत्रीय लोगों ने दी न्यायालय में जाने की चेतावनी
उदयपुर। पीछोला झील के धार्मिक गणगोर घाट पर यूआईटी द्वारा लगाए जा रहे गेट का क्षेत्रीय लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि क्षेत्रीय लोगों की मंशा के खिलाफ अगर गेट लगाए गए तो इस मामले को न्यायालय में ले जाया जाएगा।
मेवाड़ उपभोक्ता अभिभावक जागरण मंच के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट अशोक सोनी ने बताया कि गणगोर घाट सहित अन्य घाट महाराणा के शासन काल में निर्मित हुए हैं, जो आमजन के लिए ही बनाए गए थे। इन घाटों पर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं, जो गेट लगाने से बाधित होंगे। आरोप लगाया गया कि पूर्व में प्रशासन इस घाट पर गेट लगाना चाहता था, लेकिन क्षेत्रीय लोगों के विरोध के चलते प्रशासन सफल नहीं हो पाया। उस समय गेट लगाकर उक्त घाट आस्ट्रेलियन कंपनी को किराये पर देना चाहते थे, जो नहीं होने दिया गया। सोनी ने बताया कि यह धार्मिक घाट गणगोर हिंदु संस्कृति में किसी भी जाति में मृत्यु उपरांत हरिद्वार जाकर अस्थि विसर्जन के बाद उदयपुर आकर गंगोज भर कर गंगाजल द्वारा उनके परिवार में व्याप्त शोक निवारण के लिए धार्मिक आयोजन इसी घाट पर किए जाते हैं। वर्तमान में तालाब पर नहाने कपड़े धोने के अधिकार के लिए न्यायालय में गीतादेवी बनाम सरकार जनहित याचिका दायर की गई है। उसी में अकर धार्मिक घाट को गेट लगाकर जबरन बंद किया गया, तो इस बिंदु पर भी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।