विदेशों में करता था मूर्तियां की सप्लाई, आश्रम में होती थी मूर्तियों की डील, ग्राहकों को सप्लाई करता था लड़कियां
उदयपुर। कैलाशपुरी क्षेत्र में अद्भुतगिरी आश्रम से प्राचीन जैन मंदिरों से चोरी की गई ४८ मूर्तियां बरामद करने में सुखेर पुलिस ने सफलता हासिल की है। इन मूर्तियों को आश्रम के बाबा रतन सूरी पर चोरी करवाने का आरोप है। रतन सूरी पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले विचाराधीन है। इन मूर्तियों की सप्लाई विदेशों में की जाती थी।
मूर्तियों की डील आश्रम में ही होती थी और बाबा ग्राहकों को रिझाने के लिए लड़कियां तक सप्लाई करता था। पुलिस ने रतन सूरी को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ जारी है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की स्पेशल टीम के कांस्टेबल कमलेश को कैलाशपुरी स्थित अद्भुतगिरी आश्रम में प्राचीन जैन मंदिरों से चोरी हुई मूर्तियों के होने की सूचना मिली। इस पर कमलेश ने सुखेर थानाधिकारी हरेंद्रसिंह को सूचना दी। इस पर एक टीम का गठन किया गया। रात साढ़े 11 बजे आश्रम पर दबिश दी गई, जहां से छोटी-बड़ी ४८ मूर्तियां बरामद की गई। ये सभी प्राचीन मूर्तियां है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि बाबा रतन सूरी उर्फ नरेंद्रसिंह पुत्र गुमान मल कच्छावा ग्वालियर जिले के भाणा गांव का रहने वाला है। पिछले कई बरसों से वह कैलाशपुरी में अद्भुतगिरी आश्रम बनाकर रह रहा था। उदयपुर के अंबामाता, हिरणमगरी और सुखेर थाने में इस बाबा के खिलाफ सात मामले दर्ज है।
आश्रम में रखता था लड़कियां : बाबा रतन सूरी के साथ सेक्टर 14 निवासी जूली और डूंगरपुर की एक लडक़ी भी रहती थी। जूली नौ वर्ष पहले होमगार्ड में नौकरी करती थी, लेकिन इसके बाद वह बाबा के साथ ही रहने लगी। बीती रात पुलिस दबिश के दौरान ये दोनों लड़कियां वहां मौजूद नहीं थी। पुलिस अब इन दोनों लड़कियों की तलाश भी कर रही है।
ग्रामीणों ने की थी शिकायत : डेढ़ माह पूर्व कैलाशपुरी के ग्रामीणों ने इस बाबा की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर जिला कलेक्टर से शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने उस समय इसको हल्के में लिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि आश्रम में देर रात तक पार्टियां चलती है। बाहरी लोगों का आना-जाना रहता है, जो क्षेत्र की शांति के लिए कभी भी खतरा बन सकते हैं। कुछ माह पूर्व आश्रम में लगी आग में एक घोड़ा भी जल गया था। बाबा ने पिंकू कुमावत से आठ घोड़े किराये पर लिए थे, लेकिन बाद में लौटाए नहीं। जल मरा घोड़ा भी पिंकू कुमावत का ही था।
ग्वालियर का वांटेड है बाबा : बाबा रतनसूरी ग्वालियर जिले का वांटेड है, वहां पर बाबा के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं, जिनमें से दो मामलों में चालान हो चुका है, जबकि एक मामले में वांटेड है। इसके अलावा बैंकाक में हुई एक मार्बल व्यवसायी की हत्या में भी बाबा का हाथ बताया जा रहा है। साथ ही दिल्ली कोर्ट में मूर्ति चोरी का एक मामला चल रहा है, जो २००३ में दर्ज हुआ था। पंजाब पुलिस ने एक आतंकवादी को पकड़ा था, जिसकी कार भी इस बाबा से बरामद हुई थी।
बिहारी मजदूरों से करवाता था चोरियां : बाबा रतन सूरी प्राचीन जैन व अन्य मंदिरों से बिहारी मजदूरों के जरिये चोरी करवाता था। पहले बाबा स्वयं मंदिरों में जाकर रैकी करता था। उसके बाद मूर्तियों की चोरी करवाता था। आश्रम में एक कमरा बना रखा था, जिसमें प्राचीन मूर्तियों को तराशने का काम होता था। इस काम में कई बिहारी मजदूर शामिल थे।