उदयपुर। पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में सुपर डिस्ट्रीब्यूटर्स एराइज टाइअप प्रा. लि.द्वारा पतंजलि चिकित्सालय, पतंजलि आरोग्य केन्द्र एवं जिला वितरक संगोष्ठी का अशोका पैलेस में आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पतंजलि योग पीठ के केन्द्रीय प्रभारी जगदीश आर्य थे।
उन्होंने कहा कि आर्य ने कहा कि प्रत्येक देशवासी को स्वदेशी वस्तुएं अपनाकर राष्ट्र को समृद्ध बनाने की ओर कदम बढ़ाना चाहिये। स्वामी बाबा रामदेव इसी प्रयास में रात-दिन लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाने के उद्देश्य से स्वदेशी अभियान आरंभ किया गया अर्थात जीरो तकनीकी की एक भी विदेशी वस्तु हमें नहीं अपनानी चाहिये। स्वभाषा, स्ववेशभूषा, स्वदेशी संस्कृति का गौरव एवं अभियान जागृत करने का आंदोलन ही भारत स्वाभिमान है। आज देश में 5500 से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने देश के आर्थिक तंत्र को गुलाम बना रखा है। देश में इस प्रकार की व्यवस्था हो कि भारत की आर्थिक नीतियां व भारत की कर प्रणाली न्यायपूर्ण हो, तथा किसानों के हित में हो। इसी संकल्प को मूल में रखते हुए पतंजलि आयुर्वेद लि व दिव्य फार्मेसी का गठन किया गया।
आर्य ने कहा कि आज पतंजलि के आयुर्वेद चिकित्सा के उत्पाद एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थों से देश भर के लाखों एवं राजस्थान के हजारों किसानों को लाभ पहुंच रहा है। किसानों से एलोविरा एवं आवंला खरीदकर उसे न्यूनतम मूल्यों में पूरी शुद्धता एवं प्रामाणिकता के साथ बाजार में बेचा जाता है।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि पतंजलि आयुर्वेद लि. के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेश खन्ना ने स्वदेशी वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए देश सेवा में योगदान हेतु सुझाव दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्यस्तरीय स्वदेशी वितरक एवं संगठन के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने हेतु इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।
महावितरक अराईज टाइअप लि. के गोविन्द अग्रवाल ने कहा कि इस संगोष्ठी में पश्चिमी-दक्षिणी राजस्थान के 17 जिलों के 102 स्वदेशी चिकित्सालय, आरोग्य केन्द्र व जिला वितरक मौजूद थे। कार्यक्रम में जोनल मैनेजर गौरव शर्मा, एरिया सेल्स मैनेजर विजय कुमार गुडेजा, कोमल शर्मा सहित विपणन विभाग के सभी कर्मयोगी मौजूद थे। इस अवसर परविनोद पारीक, सुरेन्द्र कोठारी, महिला समिति की अध्यक्षा बहिन विजयलक्ष्मी सहित संस्थान के भाई अमित, विमल जैन सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।