उदयपुर। शांतिदूत आचार्य महाश्रमण द्वारा उदघोषित जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज के पर्युषण महापर्व के नवान्हिक कार्यक्रम 22 अगस्त से प्रारम्भ होंगे। ज्ञान, दर्शन, चारित्र एवं तप की आराधना का महापर्व 22 अगस्त से खाद्य संयम दिवस के रूप में प्रारम्भ होकर 30 अगस्त को मैत्री दिवस के रूप में संपन्नस होगा।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि साध्वी कनकश्रीजी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में पहले दिवस खाद्य संयम दिवस, द्वितीय दिवस स्वाध्याय दिवस, तृतीय दिवस को सामायिक दिवस, चतुर्थ दिवस को वाणी संयम दिवस, पंचवें दिन अणुव्रत चेतना दिवस, छठे दिन जप दिवस, सातवें दिन ध्यान दिवस व आठवें दिन संवत्सरी आत्म चिंतन दिवस के रूप में होगी। 30 अगस्त को मैत्री दिवस पर एक-दूसरे से खमतखामणा का अयोजन होगा। सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि पर्युषण महापर्व पर नमस्कार महामंत्र का अखण्ड जाप एवं 22, 23 व 24 अगस्त को चन्दनबाल व चक्रवर्ती के तेले का सामूहिक अनुष्ठान और उसके समापन पर चंदन का तेला, पुण्यों का मेला लघु नाटिका का मंचन होगा। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अभिषेक पोखरना ने बताया कि पर्युषण महापर्व पर सामुहिक प्रतिक्रमण के बाद प्रतिदिन रात्रि को विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं होगी जिसमें एकल गीत, कौन बनेगा ज्ञान वान, आचार्य तुलसी प्रश्न मंच, अंत्याक्षरी प्रतियोगिता, तेरापंथ समाज विजन 2025 पर निबंध, समूह गीत प्रतियोगिता होंगे। श्रवणोपासक दीक्षा शिविर में इन्दुबाला पोरवाल और कंचन सोनी को संयोजक, नमस्कार महामंत्र के अखण्ड जाप में ताराचंद सिंघवी, चन्द्रा बोहरा एवं केसर तोतावत को संयोजकीय दायित्व दिया है। प्रात:कालीन प्रवचन सुबह 9.15 से व सायं 6.45 से सामूहिक प्रतिक्रमण का समय निर्धारित है।