उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के साहित्य संस्थान में कल कविराव मोहनसिंह पीठ की स्थापना की गई। इसका उद्घाटन कुलपवति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने फीता काटकर किया।
करीब 20 वर्ष पूर्व विद्यापीठ प्रबंधन ने कविराव मोहनसिंह पीठ की स्थापना की घोषणा की थी, जिसे अब जाकर अमल में लाया जा सका है। इस अवसर पर प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि इसय पीठ के जरिये सर्वप्रथम बख्तावर ग्रंथमाला के प्रकाशन का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेवाड़ के अंतिम राजकवि स्व. मोहनसिंहजी ने फरवरी 1962 में 5 हजार रुपए इस शर्त के साथ विद्यापीठ को दिए थे कि इस रकम से बख्तावर ग्रंथमाला का प्रकाशन किया जाएगा। ध्यान दिलाए जाने से यह कार्य 52 वर्ष बाद अब किया जा रहा है। विद्यापीठ के 78 वें स्थापना दिवस पर कविराव मोहनसिंह पीठ के उद्घाटन की उपस्थित विद्वानों ने सराहना की। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल, पीठ स्थविर प्रो. एसके मिश्रा, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. कुलशेखर व्यास, डॉ. महेश आमेटा, डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा, डॉ. हरीश शर्मा, पीआरओ घनश्यामसिंह भींडर और वरिष्ठल पत्रकार उग्रसेन राव भी मौजूद थे।