उदयपुर। पर्युषण पर्व की समाप्ति पर हिरण मगरी से. 4 स्थित श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ जिनालय की ओर से आज शांतिनाथ सोमचन्द्र सूरी आराधान भवन से वरघोड़ा निकाला गया। जो हिरणमगरी 4 व 5 के विभिन्न मार्गों से होता हुआ पुन: जिनालय पहुंचा।
संघ अध्यक्ष सुशील बांठिया ने बताया कि मुनि प्रवर आतमरति विजय, हितरति विजय, साध्वी पूर्णदर्शनाश्री की निश्रा में निकाले वरघोड़े में महिलाएं मंगल कलश लिये, भगवान महावीर के जन्म से पूर्व माता त्रिशला को आए 14 सपनें लेकर चल रही थी। 5 बग्गियां, 5 घोड़े, बैण्ड बाजे सहित वरघोड़ा निकाला गया। इसमें भगवान महावीर को पालकी में बिठाकर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। वरघोड़े की समाप्ति के बाद लड्डू की प्रभावना वितरित की गई।
स्वर्गारोहण जयंती पर वरघोड़ा
जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में आचार्य हिरचंद सूरी के स्वर्गारोहण जयंती पर नगर में सकल श्वेहताम्बर मूर्तिपूजक समाज का वरघोड़ा निकाला गया। पिछोला झील पर स्नात्र पूजा पढ़ाई गई। इसके पश्चात आराधना भवन में पांच हजार समाजजनों की स्वामी वात्सल्य हुआ। हाथीपोल जैन धर्मशाला से निकले वरघोड़े में सबसे आगे ऊंटगाडी में शहनाई व नगाड़े वादक चल रहे थे। सबसे पीछे भगवान के रथ के साथ साध्वी सुदर्शना एवं साध्वी चन्द्रकला के साथ सैकड़ों श्राविकाएं मंगल गीत एवं भजन गाती चल रही थीं। बैंड के बाद भगवान की रजत तीन पालकियां श्रावक पूजा के वस्त्रों में लेकर चल रहे थे। शोभायात्रा हाथीपोल महासभा से प्रारंभ होकर मालदास स्ट्रीट, बड़ा बाजार, सर्राफा बाजार, जगदीश चौक, होते हुए गणगौर घाट पहुंची। गणगौर घाट पर त्रिपोलिया में भगवान की सत्तरभेदी संगीतमय पूजा पद्मावती भक्ति मण्डल की बहनों ने की। इसके बाद आरती और मंगल दीपक के बाद पुन: वरघोड़ा गणगौर घाट ने रवाना होकर जगदीश चौक, घण्टाघर, मोती चौहट्टा, हरवेनजी का खुर्रा, मालदास स्ट्रीट होते हुए आराधना भवन पर संपन्न हुआ।