प्रेरणा विकास और व्यक्तित्व विकास पर कार्यशाला
उदयपुर। प्रबन्धन के छात्रों ने उद्यमिता का विकास करने के लिए जरूरी हे कि उन्हें पाठ्यक्रम के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान से भी जोड़ा जाय। ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक ज्ञान कराने से उनका आत्मबल दृढ़ हो जायेगा।
यह बात बुधवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के प्रबन्ध अध्ययन संकाय सभागार में राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल वक्ता डॉ. यशदेव सिंह ने एमबीए छात्रों को उद्बोधन में कही। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप के माध्यम से उत्कृष्ट मेनपॉवर तैयार करना है विदेशों से नियमित रूप से मेनपॉवर की मांग होती है जिसे पूरा करने के लिए योग्य मेनपॉवर की आवश्यकता रहती है। इस कारण ऐसे आयोजनों के माध्यम से छात्र स्वयं के जीवन केरियर, भविष्य एवं सफलता पर ध्यान केन्द्रित कर अपने जीवन को उच्च शिखर पर पहुंचाएं। अध्यक्षता डॉ. हिना खान ने की और स्वागत उद्बोधन डॉ. नीरू राठौड़ ने दिया एवं धन्यवाद भरत सुखवाल ने दिया।