हार्ट केयर एसोसिएशन साल हॉस्पिटल के प्रमुख शल्य चिकित्सक डॉ. अनिल जैन ने कहा
उदयपुर। आप घर में किसी की भी सेवा कर रहे हैं तो धर्म रूप में भले ही आपको पुण्य मिल जाए लेकिन वास्तविकता में आप उसे बीमारी की ओर धकेल रहे हैं। तम्बाकू का हृदयरोग उत्पन्न करने में बहुत बड़ा योगदान है वहीं सिर्फ एल्कोहल से कभी हार्ट की बीमारी नहीं होती।
ऐसे ही कुछ आश्चर्यजनक तथ्य बताए विश्व प्रसिद्ध हार्ट सर्जन डॉ. अनिल जैन ने जो आचार्य भिक्षु निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में तेरापंथी सभा उदयपुर और अहमदाबाद के हार्ट केयर एसोसिएशन, साल हॉस्पिटल की ओर से रविवार को होने वाले विशाल हृदयरोग निशुल्क जांच कैम्प की पूर्व संध्या पर अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में शनिवार शाम हृदय रोग : वार्ता, जिज्ञासा और समाधान विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. जैन ने कहा कि घर में तीन में से कोई एक ही फिट रह सकता है। सास, बहू या फिर काम वाली बाई। तीनों के तीनों फिट नहीं रह सकते। एल्कोहल का हार्ट अटैक से सीधा कोई सम्बन्ध नहीं है लेकिन उसके साथ आप क्या खाते हैं, उस पर निर्भर करता है। एल्कोहल के साथ सलाद लें लेकिन दो पैग रोज पीने की सलाह भी बिल्कुल गलत है। यह फ्रेंच लोगों के लिए ठीक है जो रेड वाइन पीते हैं। आपके जीवन में हृदय 200 मिलीयन लीटर रक्त को पम्प करता है। बिल्कुल बिना रुके, बिना खुद को आराम दिए सिर्फ आपका जीवन चलाने के लिए यह रक्त को पम्प करता रहता है। पम्प करने वाले रक्त में से यह कुछ नहीं लेता, इसकी कमीपूर्ति के लिए इसके बाएं-दाएं दोनों ओर दो आर्टरीज होती हैं जिनके माध्यम से इसे जीवन रूपी रक्त मिलता है। जब हृदय को रक्त नहीं पहुंचता तो अटैक आता है। अटैक के मुख्य कारण मोटापा, डायबिटीज, कोलस्ट्रोल, मानसिक तनाव आदि हैं। साथ ही उच्च रक्तचाप भी इसका एक प्रमुख कारण है।
आश्चर्य इस बात का कि अटैक के लिए अब कोई उम्र नियत नहीं रह गई है। 35 या 40 वर्ष की आयु में भी अटैक के केस सामने आने लग गए हैं। साथ ही पुरुषों के बजाय महिलाओं में भी यह समस्या दिखने लग गई है। फर्क सिर्फ यह कि पुरुष पतला हो तो भी अटैक आ सकता है लेकिन महिलाओं में अधिकतम केस नियत मापदण्ड से अधिक वजन (ओवर वैट) के कारण अटैक के होते हैं। नॉर्मल रक्तचाप 120 और 80 माना जाता है। पापड़, अचार आदि में भी नमक की अधिकता के कारण ये सभी उच्च रक्तचाप को जन्म देते हैं। अफसोस की बात है कि डायबिटीज के मामले में हमारा देश डायबिटीज की राजधानी बन रहा है। विश्व में प्रत्येक सात में से एक हिन्दुस्तानी व्यक्ति डायबिटीक है वहीं देश में प्रत्येक चार में से एक डायबिटीक पेशंट है। इसका मुख्य रूप से कारण शारीरिक अभ्यास बंद कर देना है। पानी चाहिए तो घंटी बजाते हैं। खाना चाहिए तो काम वाली बाई को कहते हैं। ऑफिस में काम करने के नाम पर सिर्फ कुर्सी पर बैठे मत रहिए बल्कि फाइल भी देनी है तो खुद लेकर चले जाइए। इससे शरीर का कुछ तो अभ्यास होगा ही।
डॉ. जैन ने प्रतिभागियों से बड़े ही सरल स्वभाव में बातचीत करते हुए कहा कि हार्ट अटैक का एक कारण आनुवंशिक भी होता है। अगर आपके घर में माता-पिता, भाई, बहन किसी को भी अटैक आया है तो आपको भी आने की पूरी संभावना है। इसलिए अभी से बचिए। गुजरात में शराब पर बैन है लेकिन तम्बाकू पर नहीं, ऐसा क्यों? मेरे हाथ में हो तो देश में तम्बाकू बैन करना चाहिए। आपके शराब पीने से दूसरे परेशान होते हैं लेकिन तम्बाकू खाने से आप खुद परेशान होते हैं।
उन्होंने बताया कि छाती में दर्द होना ही नहीं बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से पेट, गले, जबड़े, सिर, हाथ में दर्द हो तो भी एक बार चैकअप कराना चाहिए। आजकल सिटी एन्जियो भी होने लगी है। जिसमें उस मशीन के अंदर आपको ले जाकर हृदय की जांच की जाती है कि अटैक की कोई संभावना तो नहीं है।
इससे पूर्व सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने डॉ. जैन का स्वागत करते हुए कहा कि भक्ति, शक्ति और शौर्य की इस धरा पर डॉ. जैन का स्वागत करते हुए फख्र है। काफी समय से सभा इस शिविर के लिए प्रयास कर रही थी। डॉ. जैन का समय मिलते ही हमने यह आयोजन किया है। शिविर के लिए वांछित मरीजों की संख्या 400 थी लेकिन दो दिन से मना करने के बावजूद 652 मरीजों का पंजीयन हो चुका है। सभी को समय दिया जा चुका है। इससे पूर्व डॉ. जैन का मेवाड़ी पगड़ी, माल्यार्पण, उपरणा ओढ़ा, साहित्य तथा स्मृति चिह्न भेंट कर अभिनंदन किया गया।
फत्तावत ने बताया कि शिविर में डॉ. जैन अपनी टीम के साथ रविवार को तेरापंथ भवन में रोगियों की जांच कर परामर्श देंगे। समय सुबह 8 से शाम 4 बजे तक रहेगा। शिविर संयोजक गगन तलेसरा एवं भगवतीलाल तोतावत एवं शिविर प्रभारी डॉ. आरएस नैनावटी ने बताया कि शिविर में डॉ. श्रीनिवास माल्या, डॉ. विशाल गुप्ता, डॉ. राजन मोदी,डॉ. भारत त्रिवेदी, डॉ. शील द्विवेदी, डॉ. नमन शास्त्री, डॉ. चिराग मेहता, डॉ. सतीश पटेल, डॉ. केतन पटेल, डॉ. पराग सेवसानी, डॉ. राजेन्न्द्र भूखर, डॉ. अजय जैन, डॉ. ज्योति शाह, डॉ. कल्पना जैन सहयोग देंगे।