दावेदारों में मायूसी छाई
उदयपुर। भारतीय जनता पार्टी में नगर निगम की मेयर की क्रकुर्सीञ्ज ने अभी से विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि अभी चुनाव दूर है और पार्षद चुने जाने के बाद बोर्ड द्वारा मेयर का चयन किया जाएगा, लेकिन पता चला है कि भाई साहब ने पार्टी के भीतर चंद्रसिंह कोठारी का नाम मेयर की कुर्सी के लिए दौड़ा दिया, जो विवाद का कारण बन गया है।
इस कुर्सी के लिए मुंह धोकर बैठे दूसरे दावेदारों को कोठारी का नाम हजम नहीं हो रहा है, लेकिन वे इस क्रकुर्सी दौड़ञ्ज में आगे निकलने की हिम्मत भी जुटा नहीं पा रहे हैं, क्योंकि ये क्रभाई साहबञ्ज से सीधी दुश्मनी होगी। दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से चंद्रसिंह कोठारी का नाम मेयर की कुर्सी के लिए सामने आने के बाद कांग्रेस के पार्षद अजय पोरवाल काफी खुश है, क्योंकि कोठारी उनके वार्ड के बाशिंदे हैं और यह वार्ड इस बार फिर से सामान्य घोषित हुआ है।
क्रभाई साहबञ्ज द्वारा मेयर की कुर्सी के लिए दौड़ाए गए चंद्रसिंह कोठारी के नाम के कारण दूसरे दावेदार मायूसी के भंवर में डूब गए हैं। दूसरी तरफ कोठारी इन दिनों नगर निगम के आए दिन होने वाले सभी कार्यक्रमों में समाजसेवी के रूप में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे हैं। उनकी सक्रियता दर्शाती है कि उन्हें निगम चुनाव के लिए हरी झंडी दिखा दी गई है। कोठारी इन दिनों उद्घाटन, शिलान्यास, अनावरण सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। सभी कार्यक्रमों में कोठारी को प्रोजेक्ट किया जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भाई साहब के आदेश पर ही निगम व पार्टी के कार्यक्रमों में कोठारी की सक्रियता बढ़ाई जा रही है।
भाई साहब के इस फरमान का सीधे रूप से कोई विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर कोठारी को निबटाने की तैयारियां विरोधी धड़े ने शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि कोठारी भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी रह चुके हैं। तीन वर्ष पूर्व भाजपा, महिला मोर्चा और भाजयुमो में एक साथ महामंत्री का मनोनयन हुआ था। सूत्रों का कहना है कि इन तीनों को बिना प्राथमिक सदस्यता के सीधे संगठन में नियुक्ति दे दी गई। इनमें चंद्रसिंह कोठारी, सविता तातेड़, गजेन्द्र भंडारी शामिल है।
कोठारी वार्ड 4 के निवासी हैं, जहां से वर्तमान में कांग्रेस नेता अजय पोरवाल पार्षद हैं। कोठारी के समक्ष दोनों ओर चुनौतियां हैं। वार्ड से टिकट देने पर अजय पोरवाल उन्हें सीधे टक्कर देंगे। पोरवाल ने इस कार्यकाल में वार्ड में काफी काम कराए हैं। इसलिए वार्डवासियों की नजर में उनकी छवि बेहतर है, वहीं निगम की बोर्ड बैठक में स्वयं पर केरोसीन डालकर आत्मदाह की चेतावनी देने के कारण भी उनके प्रति सहानुभूति है, वहीं कोठारी को अन्य वार्ड से लडऩे की अनुमति पार्टी के नियमानुसार तो नहीं मिल सकती, बाकी क्रभाई साहबञ्ज पर निर्भर है।