उदयसागर के गेट खोले, उफन रही है आयड़, हाईअलर्ट जारी, रेस्क्यू टीमें पहुंची
होटल लेकपैलेस और जग मंदिर में घुसा पानी
उदयपुर। आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि फतहसागर से पहले उदयसागर छलका हो, लेकिन इस बार यह भी हो गया। मदार छोटा, बड़ा तालाब और स्वरूप सागर से आ रही अथाह जल राशि आयड़ के जरिये उदयसागर पहुंच रही है, जिससे झील का जलस्तर 23 फीट हो गया है। उधर फतहसागर का गेज 12.5 फीट पार कर चुका है।
उदयसागर का बैक वॉटर गांवों में घुसे, इससे पहले ही उदयसागर के गेट खोल दिए गए हैं। कल कैचमेंट एरिया में हुई बरसात के बाद आज सुबह सूरज निकल आया, लेकिन साढ़े 11 बजे से फिर मूसलधार बरसात शुरू हो गई, जिससे हालात बिगडऩे के आसार हैं। जिला प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स भी आ चुकी है और सेना को भी सतर्क कर दिया गया है। उदयसागर के गेट खोले : आयड़ नदी से लगातार जा रहे पानी से कल उदयसागर झील में छह फीट पानी की आवक हुई। उदयसागर का जल स्तर 23 फीट होते ही उदयसागर के गेट खोल दिए गए। इधर, फतहसागर छलकने से अभी 2 फीट दूर है। मदार नहर से पानी लगातार आ रहा है। साथ ही आसपास के सभी जलाशय भी लबालब हो गए हंै।
जग मंदिर, लेक पैलेस में पानी घुसा : पीछोला का जल स्तर 11 फीट हो गया है और सीसारमा से लगातार पानी की आवक हो रही है। इस वजह से झील में बनी होटल लेक पैलेस के रिसेप्शन के बाहर और जग मंदिर में अंदर तक पानी घुस गया है। झील किनारे बनी होटल अमराई में भी पानी भर चुका है। पीछोला स्थित गणगौर घाट पर बने मकानों में भी पानी भरा हुआ है।
हाई अलर्ट जारी, रेस्क्यू दल पहुंचे : उदयपुर में लगातार पानी की आवक को देखते हुए जिला कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर ने गुजरात के गांधीनगर और अजमेर से 35 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा दल (एनडीआरएफ) को बुलवा लिया है, जो कि इस प्रकार की स्थितियों से निपटने में सक्षम है। यह दल आज सुबह उदयपुर पहुंच गया है। कल शाम को जिला कलेक्टर ने देर शाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आपात बैठक लेकर हर स्थिति से निपटने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों के समीप जुटने वाली भीड़ और जोखिम से बचाव के लिए जलाशयों एवं एनीकटों पर पुलिस प्रशासन को सख्त निगरानी के निर्देश दिए हंै। जिला कलेक्टर ने बताया कि उदयपुर शहर में नगर निगम एवं नगर विकास प्रन्यास के 16 सामुदायिक केंद्रों को चिह्नित कर इन्हें दिन-रात खुला रखने तथा आपात स्थिति में किसी को भी वहां ठहरने के लिए स्थान दिलाने के भी निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर ने उपखंड अधिकारियों को भी पंचायत केंद्रों को रात-दिन खुला रखने तथा आपात स्थिति में पीडि़तों को मुहैया कराने के निर्देश दिए हंै। इसके साथ उन्होंने राशन डीलर्स को खाद्य सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए हैं।
बिगड़ सकते हैं हालात : ये बरसात वर्ष २००६ में बिगड़े हालातों की याद दिला रही है, क्योंकि कैचमेंट एरिया के जलाशय भर चुके हैं और नदी-नाले उफान पर हैं। सारा पानी आयड़ नदी में आ रहा है। आयड़ अपने पूरे वेग से बह रही है। नदी किनारे बने कॉम्पलेक्सों के बेसमेंट में पानी भर चुका है। ऐसे में पहले की तरह करजाली हाउस, आलू फैक्ट्री, भूपालपुरा आदि जगह में घुस सकता है। इसी आशंका को देखते हुए प्रशासन ने तैयारी कर ली है। बाढ़ के हालत से निपटने के लिए प्रशासन के पास कोई सुविधा नहीं है। सारी सुविधा बाहर से आए दल या सेना के पास उपलब्ध साजों-सामान पर टिकी है। कल सीसारमा नदी के पास बने वॉटर सप्लायर प्लांट में फंसे लोगों को बचाने के दौरान संसाधनों की कमी खली थी।
यूआईटी पुलिया पर टूटी रेलिंग : पिछोला के गेट कल से एक तीन से चार फीट तक खुले हैं और सीसारमा से पानी की आवक लगातार जारी है। स्वरूप सागर से निकलने वाला पानी यूआईटी पुलिया पर होकर बह रहा है। कल से इस पुलिया पर वाहनों का आना-जाना बंद कर रखा है, लेकिन पानी के वेग से पुलिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। दोनों तरफ की रेलिंग टूटकर बह गई और सडक़ भी कई जगह से उखडक़र दरारें बन गई हैं। नीचे लगे पिलर भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
हाइवे पर ढहा पहाड़
उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे आठ पर बीती रात हुई मूसलधार बरसात से एक पहाड़ का मलबा ढहकर हाइवे पर आ गया। इससे दोनों तरफ का यातायात रुक गया है। पहाड़ बीती रात तेज आवाज के साथ भरभराकर हाइवे पर ढहा था, जिससे ग्रामीण डर गए। परसाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रैफिक को परसाद गांव की तरफ डायवर्ट किया है, जहां से यातायात सुचारू किया गया। इसके बाद जेसीबी लगाकर एक तरफ के मार्ग से मलबा हटाया गया है, जिससे अब वहां वन-वे की स्थिति बन गई है। हाइवे की दूसरी सडक़ पर इतना मलबा गिरा है कि जिसे हटाने में काफी समय लग जाएगा। इसी तरह पीपली में भी एक पेड़ गिर जाने से हाइवे को डायवर्ट किया गया।