मुख्य चैनल बंद, परेशान उपभोक्ता न्यायालय जाने का बना रहे हैं मानस
उदयपुर। शहर में केबल टीवी के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे चैनलों में अब एक केबल ऑपरेटर के मनमानी कर सेटटॉप बॉक्स लगाने पर मजबूर करने की जानकारी मिली है। कंपनी के ऑपरेटर इसे डिजीटलाइजेशन अनिवार्य बताते हुए सेट टॉप बॉक्स की आवश्यकता बता रही है जबकि केन्द्र सरकार ने सेट टॉप बॉक्स के लिए दो वर्ष तक की छूट दे रखी है।
डेन केबल टीवी कंपनी एक ओर सेट टॉप बॉक्स के साथ महीने का तीन गुना चार्ज वसूल रही है। नार्मल केबल पर सभी मुख्य चैनल बंद कर दिए गए हैं। इधर कुछ जागरूक उपभोक्ता केबल कंपनी के खिलाफ न्यायालय में जाने का मन बना रहे हैं।
दो महीने से शहर में डेन मेवाड़ से जुड़े सभी उपभोक्ताओं को सेटटॉप बॉक्स लगाने के लिए केबल ऑपरेटर्स मजबूर कर रहे हैं। शहर के एक तिहाई हिस्से में डेन मेवाड़ से जुड़े केबल ऑपरेटर्स ने उपभोक्ताओं को केबल कनेक्शन दे रखे हैं। ये ऑपरेटर्स उपभोक्ता से सेट टॉप बॉक्स लगाने के पंद्रह सौ रुपए वसूल रहे हैं। साथ ही महीने का चार्ज सौ से बढ़ा कर तीन सौ रुपए तक कर दिया है। उपभोक्ता भी मजबूर है क्योंकि केबल पर डेन ने सारे प्रमुख चैनल बंद कर दिए हैं।
केबल ऑपरेटर भी मजबूर : डेन मेवाड़ से जुड़े सभी केबल ऑपरेटरों का कहना है कि उदयपुर में डेन और इन टीवी केबल से जुड़े केबल ऑपरेटर्स है और इन कंपनियों में केबल ऑपरेटर्स का लाखों रुपया अटका है। डेन कंपनी ने मनमानी करते हुए डिजिटिलाइजेशन का बहाना बनाते हुए अनिवार्य कर दिया कि हर उपभोक्ता के पास सेट टॉप बॉक्स होना चाहिए। आगे से ही नार्मल केबल पर चैनल बंद कर दिए गए हैं।
केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ मनमानी : उदयपुर सहित राज्य के जोधपुर कोटा अजमेर आदि शहरों में डेन टीवी केबल से जुड़े ऑपरेटर्स हैं। केंद्र सरकार ने पहले डिजिटिलाइजेशन अनिवार्य किया था लेकिन बाद में संशोधित करते हुए दो साल बाद कर दिया गया था। डेन ने मनमानी करते हुए उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स लगाने पर मजबूर कर दिया है।
इनका कहना है
डेन टीवी केबल कंपनी के निर्देशानुसार सेट टॉप बॉक्स लगवाए जा रहे हैं। आगे से कंपनी ने हर उपभोक्ता को सेट टॉप बॉक्स लगाना अनिवार्य किया है।
छोगालाल भोई, डेन मेवाड़ केबल संचालक
डेन केबल टीवी कंपनी शहर के केबल ऑपरेटर्स को ब्लैकमेल कर रही है। केबल ऑपरेटर्स के लाखों रुपये अटके हुए हैं और आगे से केबल पर चैनल बंद कर उपभोक्ताओं को केबल ऑपरेटर्स के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। केंद्र सरकार के आदेश हैं कि 2016 तक डिजिटिलाइजेशन अनिवार्य नहीं है।
अजय पोरवाल, इन स्टार केबल ऑपरेटर