टैक्स ऑडिट के नये प्रारूप से बढ़ी परेशानियां
उदयपुर। भारतीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने गत 25 जुलाई को टेक्स ऑडिअ के जारी किये गये नये प्रारूप ने न केवल कर सलाहकारों की परेशानियां बढ़ा दी है वरन् करदाता भी परेशान हैं। प्रारूप के खिलाफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ने दिल्ली, गुजरात, राजस्थान एवं मुंबई उच्च न्यायालय में रिट दायर की है।
सोमवार को गुजरात एंव दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आयकर रिटर्न की तारीख बढ़ाने पर फैसला दिया जाएगा। चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट देवेन्द्र सोमानी ने बताया कि चालू वर्ष के बीच में भारतीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड प्रारूप में किये गये अप्रत्याशित परिवर्तन के औचित्य पर प्रश्न उठाते हुए विभिन्नय व्यापारिक संस्थाओं ,चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स एवं आईसीएआई ने बोर्ड के समक्ष जबरदस्त विरोध व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि 25 जुलाई से लेकर 20 अगस्त के बीच 25 दिनों के भीतर आयकर साईट पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण एक भी रिटर्न पेश नहीं किया जा सका क्योंकि उस समय तक टेक्स ऑडिट के नए प्रारूप को आयकर की साईट पर भरने के लिए जारी ही नहीं किया गया था। आयकर रिटर्न की तिथि आगे बढ़ाने के लिए यह एक साक्ष्य ही पर्याप्त है। इस बात से यहीं संकेत मिलते है कि कानून निर्माता किसी प्रकार का तर्क मानने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने विरोध को देखते हुए टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह कि विभाग ने ऑडिटेड रिटर्न की अंतिम तिथि अब भी 30 सितम्बर ही रखी। आयकर कानून के तहत टेक्स ऑडिट की तारीख को आयकर रिटर्न की तारीख के साथ ही जोड़ा गया है व अलग से टेक्स ऑडिट की कोर्ई तारीख नहीं बताई गई है, इसलिए आयकर रिटर्न की तारीख बिना बढ़ाए टैक्स ऑडिट की तारीख बढ़ाना अव्यावहारिक, अतार्किक व अनुचित फैसला है। शुरूआत इस वर्ष के मध्य में टेक्स ऑडिट के प्रारूप को बदल कर किये गये गलत फैसले से हआ है एवं जिसका अंत आयकर रिटर्न की तारीख को टैक्स ऑडिट की तारीख से पूर्व रखने में हुआ है, चाहे इसके लिए रिटर्न के प्रारूप को ही क्यों न तोडऩा-मरोडऩा पड़ा हो क्योंकि स्वयं आयकर रिटर्न का प्रारूप भी इस व्यवस्था की इजाजत नहीं देता है।
उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में विभिन्न व्यापारिक संस्थाएं, चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स एंव करदाता की मंशा है कि इस वर्ष ऑडिटेड आयकर विवरणी दाखिल करेन की निर्धारित तिथि भी प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा ऑडिट रिपोर्ट की तिथि के अनुरूप 30 नवबंर कर दिया जाए ताकि लाखों करदाताओं की समस्या का समाधान हो सकें। ये सभी यह भी चाहते है कि आयकर विवरणी व ऑडिट रिपोर्ट के सभी प्रारूप सीबीडीटी द्वारा प्रतिवर्ष 1 अप्रेल को अवश्य जारी एंव लागू कर दिया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की परेशानी उत्पन्न हो सकें।
सोमानी ने बताया कि ऑडिटेड आयकर रिटर्न की तारीख बढ़ाने के लिए एवं वर्ष के मध्य में टेक्स ऑडिट रिपोर्ट के नए प्रारूप जारी होने के प्रकरणों से जुड़े अन्य मुद्दों पर संगइनों द्वारा दिल्ली, एवं गुजरात उच्च न्यायालय में सीए महेश कुमार एवं सीए रजनी शाह द्वारा याचिका दायर की गई। इसके अलावा राजस्थान एवं मुबंई उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई है।
देश भर में चार्टर्ड अकाउन्टेट्स सदस्यों एंव उद्योग द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस सन्दर्भ में पूरे देश में विभन्न क्षेत्रों में चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स समन्वयकों की निुयक्ति की गई है। जिनमें उदयपुर से देवेन्द्र सोमानी,बीकानेर से शिव खत्री,किशनगढ़ से सुशील बसंल, ब्यावर से सधीर हलखण्डी,आईसीएआई के पूर्वाध्यक्ष दिल्ली के वेद जैन, अहमदाबाद के सुनील तलाटी, दिल्ली के विवेक खुराना, पुने के अतुल मोडानी, राजसमन्द के धर्मेन्द्र व्यास, बालोतरा से सुरेन्द्र बाजारी, मुंबई से अर्चना यादव तथा इन्दौर से राजेश मंत्री शामिल हैं।