हड्डी बढ़ जाने से बंद जबडे़ को खोला
उदयपुर। दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बाहुल उदयपुर अंचल में चिकित्सा के क्षैत्र में आयाम स्थापित कर चुके पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में जबड़े का जटिल ऑपरेशन किया गया। नाथद्धारा निवासी रतनलाल कुछ वर्षों से जबडे़ की बीमारी टेम्पोरो मेन्डीबुलर जाइंट एन्काईलोसिस से पीडि़त था। इसके चलते मरीज के जबडे़ के ज्वाइंट में हड्डी जम गई जिससे जबडे़ का हिलना बिल्कुल बंद हो गया और मरीज मुंह खोलने में असमर्थ था। खुराक के नाम पर केवल द्रव्य पदार्थ ही ले पा रहा था।
पीएमसीएच के प्रिसिंपल एवं नियत्रंक डॉ. एसएस सुराणा ने बताया कि रतनलाल का ऑपरेशन न सिर्फ सर्जरी के लिहाज से बल्कि एनेस्थीसिया की दृष्टि से भी जटिल था, क्योंकि मरीज के मुख से सांस की नली में टूयूब डालना लगभग असंभव था। पूर्णतया निशुल्क किए गए सफल ऑपरेशन को डॉ. भगवान दास राय, डॉ.तरूण भटनागर, डॉ. चरण बाबू, डॉ.नीलेश, डॉ. अनीता , डॉ.कृश्ण गोपाल एवं बृजेष भारद्वाज की टीम ने अंजाम दिया।
पेसिफिक हॉस्पीटल के वरिष्ठव ऐनेस्थिटिस्ट एवं असिस्टेन्ट प्रोफोसर डॉ. तरूण भटनागर ने बताया कि मरीज को बेहोष करने से पूर्व सफलता पूर्वक दाई नासिका के जरिए अवेक फाईबर ऑप्टीक इन्टूयूबेशन किया। सामान्यतः किसी भी ऑपरेशन में जब मरीज को पूर्ण बेहोश किया जाता है तो मुख के रास्ते श्वासस नली में टूयूब डाली जाती है जिससे मरीज को ऑक्सीजन व अन्य गैसें प्रदान की जाती है। पेसिफिक हॉस्पीटल के एनेस्थिसिया विभाग के हेड डॉ. प्रकाश औदिच्य ने बताया कि मैनेजमेन्ट द्वारा फाइबर ऑप्टिक ब्रोकोंस्कॉप उपलब्ध कराए जाने के कारण ऐसे जटिल ऑपरेशन में डॉक्टरों को काफी मदद मिलेगी।