शिक्षक शिक्षा के द्वारा राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास विषयक दो दिवसीय सेमीनार शुरू
उदयपुर। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. सीबी शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद की परीस्थितियों के अनुरूप इण्डस्ट्री एवं हेल्थ के क्षेत्र मे काफी विकास किया गया परन्तु शिक्षा को विशेष महत्व नहीं दिया गया। यही कारण रहा की आजादी के कई वर्षो के बाद भी शिक्षा का क्षेत्र प्रथम पंक्ति में नहीं आ पाया है।
भारत का विकास कैसे हो इसके लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा के विकास को सर्वोच्च बताया परन्तु तब से लेकर अब तक शिक्षा का कितना विकास हो पाया इस पर चिन्तन करना सरकार व हम सभी के लिए आवश्यक है।
उक्त उद्बोधन कृष्णा महिला टीचर्स टे्रेनिंग कॉलेज, सीसारमा, उदयपुर के तत्वाधान मे आयोजित शिक्षक शिक्षा के द्वारा राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास विषयक दो दिवसीय सेमीनार के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि उन्होने कहा कि आंकडो व रिपोर्ट के अनुसार एज्यूकेशन बजट का 94 प्रतिशत हिस्सा उन युनिवर्सिटी को जाता हे जहां 6 प्रतिशत विद्यार्थी हे और 6 प्रतिशत हिस्सा उन युनिवर्सिटी को जहां 94 प्रतिशत विद्यार्थी हे जो सरासर शिक्षा के साथ खिलवाड है।
मोहनलाल सुखाडिय़ा वि.वि. के कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी ने सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को चाहिये कि वह एनसीटीसी के तहत महाविद्यालयों को शिक्षक शिक्षा की फेकल्टी खोलने की अनुमति प्रदान करंे ताकि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार किये जा सके। राष्ट्र व समाज का निर्माण तभी संभव हो पायेगा जब उच्च शिक्षा के रास्ते खुलेंगे जिसके लिए जरूरी है शिक्षकों एवं शिक्षण संस्थाओं को हर संभव सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जायें।
अध्यक्षता करते हुए महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी, अजमेर के कुलपति कैलाश सोडानी ने कहा कि देश में व मुख्यत: राजस्थान मे टीचर्स एज्युकेशन पर ध्यान नही दिया जा रहा, अनेक विभागों मे विभिन्न पद मौजूद है लेकिन फेकल्टी व टीचर्स एज्यूकेशन की दशा दुभाग्यपुर्ण है। शिक्षक शिक्षा को जो महत्व मिलना चाहिये वह नही मिल पाया है। हम जिस संस्कृति के लोग है जिस पर हम गर्व करते है लेकिन उस सुसंस्कृत देश में शिक्षकों को ज्यादा मान नही मिलता है।
कृष्णा महिला टीचर्स टे्रेनिंग कॉलेज, सीसारमा, उदयपुर के प्राचार्य अश्विनी गौड़ ने स्वागत उद्बोधन मे सेमिनार की सफलता की कामना करते हुए अतिथियों का स्वागत किया एवं दो दिवसीय सेमिनार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित राष्ट्र की थीम के आधार पर ही इस सेमीनार का आयोजन किया गया है। यदि राष्ट्र का निमार्ण करना है तो सबसे आवश्यक है शिक्षा का विकास किया जाये। उन्होने बताया कि सेमीनार मे 9 यूनिवर्सिटी से करीब 100 प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया।
तकनीकी सत्रों का आयोजन : प्रथम दिन की सेमीनार के पश्चात दो तकनीकी सत्रो, शिक्षक शिक्षा के द्वारा राष्ट्रीय एवं सामाजिक विकास एवं सामाजिक व आर्थिक विकास मे शिक्षक का महत्व पर 35 पत्रो का वाचन हुआ। सेमीनार के दौरान अतिथियों ने कॉलेज की कृष्णम पुस्तिका का विमोचन भी किया। धन्यवाद कॉलेज के एमडी हितेश गौड़ ने दिया। संचालन रीता भटनागर ने किया।