समता युवा संस्थान का काव्यांजलि एवं स्मारिका लोकार्पण समारोह
उदयपुर। समता युवा संस्थान के तत्वावधान में काव्यांजलि एवं स्मारिका लोकार्पण समारोह का आयोजन विज्ञान समिति भवन में आयोजित किया गया।
काव्यांजलि समारोह में कवियत्री शालिनी सरगम ने अपनी रचना ‘सच्चा धर्म वही है जो कि हरे पराई पीर, जो सारे जग को जीते उसको कहते है वीर, सब कुछ जीत के जो सब कुछ त्यागे कहलाते महावीर’, ‘रोज किसी का इंतजार करते हैं, रोज ये दिल बेकरार करते हैं, काश कोई समझ पाता कि चुप रहने वो भी किसी का इंतजार करते हैं’ प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
इसी क्रम में उन्होंने ‘महकते फूल के जैसे समां छोड़ जाएंगे’, ‘तुम्हारे शहर में अपने दिवाने छोड़ जाऊँगी’, ‘किसी के रूप का जब तक कोई कायल नहीं होता, न सहता तीर कभी तो घायल न होता’, ‘जब कभी भी आसमां पर काले बदरा छाए तो पत्र तुम लिखना सजन जब याद मेरी आए तो’ तो आदि रचना सुना माहौल को खुशनुमा बना दिया। मध्यप्रदेश के प्रख्यात कवि श्याम पराशर ने अपने अंदाज में हास्य रचना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’, ‘आसाराम री कई वगाड़ी गत’ सुना लोगों को गुदगुदाया। उन्होंने अपनी शैली में बढ़ती जनसंख्या पर हास्य कविता सुना खूब तालियां बटौरी। काव्यांजलि के मुख्य सूत्रधार उदयपुर के राव अजातशत्रु ने ‘कुर्सी महिमा’ सुनाकर राजनीति पर कटाक्ष करते हुए ‘प्यारी कुर्सी मुझे भी दिलवा दो’, ‘एक बोटल से पूछा शासन कैसे आएगा’, ‘सितारों को मेहफूज रख लो’, ‘आस्था के सेतु बंध टूटने लगे है’ सुनाया वहीं उन्होंने ‘देशवासियों नाम आँखों में तिरंगा छोड़ गया है’ कविता सुना देशप्रेम का वातावरण बना दिया। समारोह मेंसमता युवा संस्थान की स्मारिका का लोकार्पण मुख्य अतिथि योजनाशास्त्री मोहन सिंह कोठारी, महेश धन्ना अध्यक्ष श्री आयड़ व.स्था. जैन श्रावक संस्थान, समता युवा संस्थान के संरक्षक डॉ. सुभाष कोठारी, अध्यक्ष पुष्पेंद्र परमार, मंत्री देवेंद्र तातेड़, लोकेंद्र कोठारी, कवि राव अजात शत्रु, श्याम पाराशर, शालिनी सरगम ने किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोठारी ने समता युवा संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्थान के कार्य उपलब्धि मूलक है। इस संस्थान का मुख्य आधार प्रत्येक परिवार को धर्म से जोड़े रखना है जिसमें ये सफल भी हुए है। समारोह को सम्बोधित करते हुए संरक्षक डॉ. सुभाष कोठारी ने संस्थान द्वारा वर्ष भर में कराए गए कार्यक्रमों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा नियमित रूप से शिविर आयोजित कर धर्म एवं संस्कृति को आत्मसात् कराया जा रहा है साथ ही विभिन्न अवसरों पर शिविरों का आयोजन कर समाज सेवा में सहयोग का अनूठा उदाहरण पेश किया है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों का माला, उपरणा, पगड़ी एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया गया। समारोह के अंत में धन्यवाद संस्थान अध्यक्ष पुष्पेंद्र परमार एवं आभार मंत्री देवेंद्र तातेड़ ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजकुमारी कोठारी ने किया।