उदयपुर। राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद द्वारा अन्तरंग ग्राम्यांचलो के वनवासी बन्धुओं हेतु चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सहायतार्थ श्रीमद् भागवत कथा का 27 अक्टूबर से 2 नवबंर तक सात दिवसीय भागवत कथा का टॉऊनहॉल परिसर में बनाये गये गोकुल धाम में आयोजन किया जाएगा। ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज के मुख से दोपहर 3 बजे से सांय 6 बजे तक प्रतिदिन भागवत कथा की रसधार बहेगी।
परिषद के संगठन मंत्री भगवान सहाय ने बताया कि कथा के उद्घाटन अवसर पर वनवासी समाज के उत्कर्ष हेतु प्रयत्नशील अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृपाप्रसादसिंह, द्वारकाधीश कांकरोली स्थित पुष्टिमार्ग की प्रसिद्ध तृतीय पीठ के युवाचार्य वागीश कुमार गोस्वामी महाराज भी उपस्थित रहेंगे।
परिषद के राजेश शर्मा ने बताया कि वनाचंलो में निवास करने वाले एंव मसाज की मुख्य धारा से कटे वनवासियों के विकास, उत्कर्ष एवं राष्ट्रीय प्रगति का लाभ वनवासियों को दिलाने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 1952 में तथा स्थापित वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यो की त्वरा बढ़ाने हेतु राजस्थान के उपेक्षित वनवासियों के लिए 1978 में राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद की स्थापना की गई।
नगर प्रचार-प्रसार प्रमुख विपिन लोढ़ा ने बताया कि यह सर्ववदित है कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं वनवासी अचंलो से जुड़ी रही है और श्रीमद् भागवत कथा स्वंय में श्रीविग्रह ही है। कथा के सफल आयोजन के लिए शहर के 30 से अधिक गण्माान्य नागरिकों की एक आयाजन समिति बनायी हुई है। जो इस कथा की व्यवस्था का संचालन करेगी।