विधायक की दावेदारी करने वाले भी नहीं आ रहे हैं आगे
उदयपुर। दीपावली निकलते ही निकाय चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं, जहां शहर कांग्रेस ने आवेदन लेने की प्रक्रिया 27 अक्टूबर तक बढ़ा दी है, वहीं देहात कांग्र्रेस ने अंतिम आवेदकों की सूची बनाकर जयपुर भेज दी है। उधर कांग्रेस के हलकों में जोर-शोर से चर्चा है कि विधानसभा चुनाव में विधायक की दावेदारी करने के लिए 29 नाम आए थे। आश्चर्य की बात यह कि उन 29 में से इक्का-दुक्का को छोड़ दें, तो किसी भी दावेदार ने पार्षद के प्रति अपनी दावेदारी नहीं जताई है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा ने बताया कि लगातार त्योहारों के मद्देनजर कार्यकर्ता, दावेदार बाहर थे। फोन पर उनकी सूचना मिली कि वे आने के बाद आवेदन देंगे। ऐसे लोगों के लिए आवेदन की तिथि 27 अक्टूबर की गई है। अमूमन सारे आवेदन आ चुके हैं और उनकी लिस्ट भी बन चुकी है। फिर भी जो वांछित, इच्छुक या वरिष्ठ कार्यकर्ता आवेदन करना चाहते हैं, उनके लिए समय सीमा बढ़ाई गई है। 27 अक्टूबर तक वे आवेदन दे सकेंगे।
जानकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव में विधायक पद की दावेदारी रामचंद्र मेनारिया, पंकज शर्मा, केके शर्मा, सुरेश श्रीमाली, शराफत खान, शिवराजसिंह धायभाई, चंदा सुहालका, गणेश डागलिया, सीमा पंचोली, मनीष श्रीमाली, वीरेंद्र वैष्णव, छगनलाल जैन, डॉ. डीएस चूंडावत, परमानंद मेहता, लक्ष्मीनारायण पंड्या, गोपाल शर्मा, त्रिभुवन पुरोहित, अब्दुल अजीज खान आदि शामिल थे। इनमें से इक्का दुक्का को छोड़ दिया जाए, तो कोई भी पार्षद के लिए दावेदारी करने आगे नहीं आ रहा है। कांग्रेस के अंदर कार्यकर्ताओं का मानना है कि विधायक की दावेदारी करने वाले इतने जनों में से पार्षद पद भी जीत कर आ जाए, तो कांग्रेस का बोर्ड स्वत: ही बन जाएगा।
जानकारों का मानना है कि विधायक की दावेदारी करने वाले इन लोगों का जनाधार तक नहीं है। एक वार्ड निकालने की जिनमें हिम्मत नहीं है, वे विधायक की दावेदारी कर संगठन में सिर्फ अपना नाम चलाने का काम करते हैं। अगर वाकई में विधायक के प्रबल दावेदार थे तो पार्षद का चुनाव लडक़र क्यों नहीं कांग्रेस के बोर्ड बनाने में सहायता करते।