उदयपुर। पिछोला व फतहसागर झीलों में घरेलू कचरे, शराब की बोतलें, पूजन सामग्री व शौच का विसर्जन तो समस्या है ही, गोश्त विसर्जन से स्थिति वीभत्स व खतरनाक हो रही है।
रविवार को चांदपोल नागरिक समिति, झील संरक्षण समिति व डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में हुए श्रमदान में पिछोला के चांदपोल व हनुमान घाट से कचरा निकाला गया। श्रमदान में रामप्रताप जेठी, प्रकाश कुमावत, रामलाल गहलोत, अजय सोनी, दुर्गा शंकर पुरोहित, कुलदीपक, जयदीप पालीवाल, नीलेश पुरोहित, राजू कादर हेला, तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता व नंदकिशोर शर्मा ने भाग लिया। श्रमदान पश्चात आयोजित संवाद में अनिल मेहता ने कहा कि मदार नहर में जमा पानी कचरे व गन्दगी से अटा पड़ा है। यह पानी फतहसागर में डालना खतरनाक होगा। यह जमा पानी मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलाये, इससे पूर्व प्रशासन को इसका उपाय खोजना चाहिए।
चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि इन दिनों झीलों में बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की नयी जलीय घास पैदा हो रही है। यह पर्यावरणीय परिवर्तन चिंताजनक है। मेमोरियल ट्रस्ट के नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि स्थानीय नागरिको सहित कई पर्यटक अपने वाहनो की धुलाई झीलों में कर रहे है। इसे रोकना होगा। शर्मा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पोलिथिन पर प्रतिबन्ध के बावजूद झीलों में थेलिया तैर रही है। मेहता, पालीवाल एवं शर्मा ने जिला प्रशासन द्वारा झील क्षेत्र में आतिशबाजी पर रोक के नियम का स्वागत करते हुए इसकी मजबूत अनुपालना करवाए जाने का आग्रह किया ।