हिन्दुस्तान जिंक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू
उदयपुर। वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक द्वारा मानवखेड़ा में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट उदयपुर के 30 प्रतिशत मल का उपचार कर रहा है। हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान सरकार के साथ 20 मिलियन टन प्रतिदिन क्षमता वाले इस ट्रीटमेंट प्लांट के समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे। अब यह प्लांट पूरी तरह कार्यरत होकर प्रतिदिन 20 मिलियन टन मल का उपचार कर रहा है।
अतिआधुनिक तकनीक से बनाया गया यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट राजस्थान का पहला प्लांट है। हाल ही घरेलू मल को छोटी पाइप लाइनों से बड़ी पाइप लाइन से जोड़ने का कार्य प्रारंभ हो गया है। यह बड़ी पाइप लाइनें सीधे हिन्दुस्तान जिंक के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ी जा रही है। इससे मल के उपचार में और सुविधा हो जाएगी। उदयपुर की झीलों में अब मल का प्रवाह कम हो जाने से झीलों की सुन्दरता में भी प्रभाव दिखने लगा है।
गौरतबल है कि मल के उपचार के साथ-साथ उपचार के उपरान्त उत्पन्न होने वाली खाद को भी उपयोग में लाया जाएगा जिससे उदयपुर नगर परिषद व्यस्थित रूप से बिक्री कर लगभग एक करोड़ रु. सालाना अर्जित कर पाएगा। हिन्दुस्तान जिंक अपने पर्यावरण कार्यक्रमों द्वारा तथा अपनी इकाइयों में लगे अतिआधुनिक संयंत्रों द्वारा निरन्तर पानी की बचत करता रहा हैं। इस संदर्भ में हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने कहा कि ‘उदयपुर का विश्वभ मानचित्र पर एक विशेष स्थान है तथा इसकी सुन्दरता एवं वास्तविकाता के लिए इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना होना अतिआवश्यतक था। हमें खुशी है कि हिन्दुस्तान ज़िंक राजस्थान सरकार के साथ मिलकर इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को स्थापित व संचालित कर पाया।‘