संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता पर अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में 230 शोधपत्रों का वाचन
उदयपुर। व्यक्ति किसी को धोखा देते हुए अगर व्यवसाय करता है तो ऐसा अर्थशास्त्र सुखद अर्थशास्त्र नहीं हैं। ये विचार व्यक्त किए आचार्य महाश्रमण ने पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्धन संकाय की ओर से दिल्ली के महरोली, स्थित आध्यात्म साधना केन्द्र में ”संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों बिषय “ पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार के समापन समारोह में।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में सादगी और विचारो की उच्चता होनी चाहिए क्योंकि विचारों की उच्चता और सादगी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार में जो चिन्तन मनन हुआ हैं। इससे राष्ट्र के आर्थिक संधाधनों में उत्तरोत्तर प्रगति होगी। कार्यशाला के समापन समारोह के दौरान पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर शर्मा ने आचार्य महाश्रमण को विश्वा स दिलाया कि आगामी वर्षों में अर्थशास्त्र सम्बधित विषय पर जो भी सेमीनार होगी उसमें पेसिफिक विश्वरविद्यालय पूर्ण सहयोग देगा।
पेसिफिक प्रबन्धन संकाय की डीन प्रोफेसर महिमा बिड़ला ने बताया कि समापन समारोह में स्थायी विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों का पर्यावरण संरक्षण के अनुरूप प्रबन्धन , भगवान महावीर का आर्थिक चिन्तनः सापेक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण , स्थायी विकास हेतु राजकोषीय एवं मौद्रिक हस्तक्षेप, समाज एवं अंशधारियों के प्रति कॉरपोरेट सेक्टर का उत्तरदायित्व एवं कौन अधिक हानिकारक है? बाजार की असफलता, सरकार की असफलता या नैतिक असफलता, विषयों पर देष के विभिन्न शहरों के विष्वविद्यालयों से आए लगभग 230 शोधार्थी एवं शिक्षाविदों ने पत्र वाचन किया। इस अबसर पर पेसिफिक मेडीकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के प्रिसिडेन्ट डॉ डीपी अग्रवाल, पेसिफिक डेन्टल कॉलेज के हैड डॉ बीडी राय, एमडीएस विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. केसी सोडाणी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, प्रोफेसर एसपी बंसल, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, उत्तरप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली के प्रबन्ध सचिव अतुल कोठारी भी उपस्थित थे।