– निर्धन, निराश्रित, प्रज्ञाचक्षु, मंदबुद्धि व असमर्थों को यात्रा कराने की पहल
उदयपुर। पोरवाल जैन ऑर्गेनाईजेशन मेवाड़ मुंबई की ओर से जैन समाज के विकलांग, निर्धन, प्रज्ञाचक्षु, मंदबुद्धि, निराश्रित एवं असमर्थ बन्धुओं को बस से निशुल्क पालीताणा सहित सात तीर्थ स्थलों के देवदर्शन कराए जाएंगे। पांच जनवरी 2015 से प्रारंभ होने वाली अनूठी तीर्थयात्रा 10 जनवरी को दोपहर आयड़ तीर्थ पर संपन्न होगी।
शनिवार को होटल आमंत्रा में पत्रकारोंं से मुखातिब होते हुए संस्था प्रमुख शकरलाल जैन ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व स्थापित ओर्गेनाईजेशन द्वारा अब तक कई तीर्थयात्राएं कराई जा चुकी हैं। संस्था द्वारा वर्ष 2015 में समाज के ऐसे वर्गो के लिये बस द्वारा अनूठी तीर्थ यात्रा कराने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया हैं। ऑर्गेनाइजेशन पहली बार समाज के ऐसे वर्गों को देव दर्शन कराने के लिये 5 जनवरी 2015 को तपागच्छ की उद्गम स्थली अति प्राचीन आयड़ तीर्थ से यह यात्रा प्रारंभ करेगा जो नागफणी पाश्र्वनाथ, शंखेश्वरजी, राजगिरी, पालीताणा, अयोध्यापुरम्, तगड़ी एवं केसरियाजी की यात्रा कर 10 जनवरी को दोपहर बाद पुन: आयड़ तीर्थ पहुंचेगी। यात्रा में 7 बसों से तीर्थयात्रियों को ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
जैन ने बताया कि ऑर्गेनाइजेशन द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के चारों राज्यों के विभिन्न जिलों से उक्त वर्गों के तीर्थयात्रियों का पंजीकरण दीपावली पूर्व प्रारंभ कर दिया गया है। अब तक 150 यात्रियों के पंजीकरण हो चुके हैं। व्यवस्था की दृष्टि से पंजीकरणकर्ता से 200 रुपए पंजीयन शुल्क लिया जा रहा है जो यात्रा पूर्ण होने पर ससम्मान लौटाया जाएगा। तीर्थयात्रा में यात्रियों के भोजन व ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था भी संस्था की ओर से की गई है। तीर्थयात्रियों के लिए मुंबई के प्रसिद्ध केटरर्स को अनुबंधित किया है, जो सभी तीर्थ स्थलों पर नाश्ता व भोजन तैयार करेगा।
संरक्षक प्रकाश मारवाड़ी ने बताया कि आयड़ तीर्थ पर 4 जनवरी 2015 को यात्रा की पूर्व संध्या पर भव्य भक्ति संध्या का आयोजन किया जाएगा। संरक्षक शांतिलाल पोरवाल ने बताया कि अनूठी तीर्थयात्रा में स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए चिकित्सकों की एक विशेष टीम अपने पूरे साजो सामान के साथ यात्रा में साथ रहेगी। मंत्री मनोज सोलंकी ने बताया कि इस अनूठी तीर्थयात्रा में यदि कोई विकलंाग या शारीरिक रूप से चल-फिरने में असक्षम होगा तो उसके साथ उसी के परिवार के एक सदस्य को भी निशुल्क साथ ले जाया जाएगा। प्रत्येक बस में दो व्हील चेयर भी रखी जाएगी। सुविधा की दृष्टि से 30 साधकों को भी रखा जाएगा जो इनके साथ रहकर इनकी यात्रा को आसान बनाएंगे।