लायंस लगाएगा डायलिसिस व डिजीटल एक्स रे मशीन
उदयपुर। लायन्स क्लब उदयपुर द्वारा महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय के एक्सरे विभाग एवं नेफ्रोलोजी विभाग में रोगियों की सहायतार्थ शनिवार को भारतीय लोक कला मण्डल में एक संगीत संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें विश्व विख्यात ड्रम वादक शिवामनी अपनी ऊंगलियों का जादू दिखायेंगे, वहीं सूफी गज़ल गायिका रूना रिज़वी अपनी सुरीली आवाज में गीत एंव गज़लों के तराने प्रस्तुत करेंगी।
क्लब अध्यक्ष राजेश खमेसरा ने बताया कि आज होटल होराईज़न में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि लायन्स क्लब उदयपुर ने पिछले 50 वर्षो में उल्लेखनीय सेवा कार्यो के बलबूते शहर में सेवा कार्यों का अग्रणी क्लब बन चुका है। क्लब ने इन 50 वर्षों में सेवा कोर्या के दम पर अन्धत्व पर विजय प्राप्त करने का प्रयास किया है। क्लब द्वारा अब तक 1550 नैत्रदान प्राप्त कर 750 नैत्रों का सफल प्रत्यारोपण कर रोशनी प्रदान की है।
सचिव मनीष बाहेती ने बताया कि समारोह में प्रवेश केवल निमंत्रण पत्र द्वारा ही दिया जाएगा। क्लब सदस्यों के सफल प्रयासों से वैसे तो शहर में स्वास्थ्य, सामाजिक सरोकार, पर्यावरण, शौचालय निर्माण सहित अनेक स्थायी गतिविधियां संचालित है। कार्यक्रम चेयरमेन ओ.पी.अग्रवाल ने बताया कि इसी क्रम में स्थायी सेवा कार्यों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए क्लब द्वारा आयोजित इस संध्या का मूल उद्देश्य एम.बी. हॉस्पीटल में डिजिटल एक्सरे मशीन और नेफ्रोलोजी वार्ड मेंडायलिसिस मशीनें भेंट कर जन सहयोग प्रदान करना है।
संक्षिप्त परिचय-
ड्रमवादक शिवामनी: मद्रास के मूल के रहने वाले शिवामनी 11 वर्ष की उम्र में संगीतकार बनने मुम्बई आये एवं ए.आर. रहमान, बालासुब्रह्मण्यम को अपना गुरू बना कर ड्रम बजाने में महारथ हासिल की। साथ ही श्रीशंकर महादेवन श्रद्धा ग्रुप के साथ कई प्रोग्राम देते हुए हिन्दी फिल्म जगत में फिल्म रोजा, रंग दे बसन्ती, स्वदेश, ताल, लगान आदि कई फिल्मों में संगीत के रस में डूबोया। देश ही नहीं विदेशों में भी दुबई, मास्को, दोहा, टोरन्टो में कार्यक्रम देते हुए कोकाकोला, लिम्का, आईपीएल आदि में भी अपने संगीत की अमिट छाप छोड़ी है।
रूना रिजवी: मुम्बई निवासी रूना रिजवी प्रसिद्ध गजल गायक राज कुमार रिजवी की सुपुत्री है। आप स्वयं जैज व सूफी गज़ल गायिका है एवं भारतीय शास्त्रीय संगीत भी देती हैं। आपने प्रसिद्ध संगीतकार ए.आर. रहमान के फिल्मों में कई गीत व गजलों का गायन कर अपना विशिष्ट स्थान बनाया है।