31 जनों ने वापस लिए नाम
उदयपुर। निकाय चुनाव के तहत शुक्रवार सुबह से कलेक्ट्रेट में रणछोड़ों को रण छुड़वाने के हरसंभव भरसक प्रयास किए जा रहे थे लेकिन खम ठोककर खड़े होने वाले दमदार नामों में इनमें कोई भी शामिल नहीं है। यानी प्रमुख बागी सभी चुनाव मैदान में हैं और पार्टी के अधिकृत प्रत्यााशियों को चुनौती दे रहे हैं। 31 प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद अब 173 उम्मीतदवार मैदान में हैं जो 55 वार्डों के लिए लड़ेंगे।
इनमें प्रमुख रूप से भाजपा के संतलाल अग्रवाल, मांगीलाल गायरी, कांग्रेस के अजय पोरवाल, नजमा मेवाफरोश, गीतादेवी पालीवाल आदि शामिल हैं जो वार्डों की गणित बिगाड़ सकते हैं। उधर भाजपा में कटारिया विरोधी भी सक्रिय हैं और उपर से अधिकृत प्रत्यागशी के साथ प्रचार में हैं लेकिन अंदर ही अंदर फोड़ रहे हैं। कुछ कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अधिकृत प्रत्यारशियों की जारी सूची में ही गड़बड़ कर दी गई। इसमें वार्ड 41 से 45 के नाम हाथ से क्यों लिखे गए।
रिटर्निंग अधिकारी छोगाराम देवासी ने बताया कि शुक्रवार को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के दिन दोपहर 3 बजे तक वार्ड 2 से खूबीलाल पहाडि़या और किशन मेघवाल, 4 से मुजीबुद्दीन खान और मदनलाल हरिजन, 5 से योगेश धायभाई, 8 से आभा आमेटा और नूर बानो, 9 से कान्ता पालीवाल, 10 से दामोदर दिवाकर, 11 से विजय मेहता और दिनेश सोनी, 19 से भंवरलाल जैन, 20 से शंभूसिंह देवडा, 22 से कनक कुमार जोशी, मोहनलाल मेनारिया एवं यशंवत मेनारिया, 24 से आशा मालवीया, 26 से दिनेश राव एवं लोकेश नागदा, 37 से एनके जैकब, 38से रजिया बानू,39 से दीपक चौधरी, 41 से विवेक सामर, 44 से सुशील देसरला, 46 से साहिबा शेख, 47 से सिद्दीका,48 से शब्बी4र हुसैन, 49 से योवंतराज माहेश्वारी एवं 55 से अरूण टांक ने अपने अपने नाम वापस ले लिए।
नाम वापसी के हरसंभव प्रयास करते दिख रहे दोनों दलों के नेता कलेक्ट्री में जोर-आजमाइश कर रहे थे। निरंतर मोबाइल पर चिपके नेताओं के चेहरों के हाव-भाव देखते ही बन रहे थे। कभी गुस्सा तो कभी प्यार से बातें करते मोबाइल बंद करते ही वापस वही सदाबहार मुस्कराहट उनके चेहरे पर बिखर रही थी। जानकारी के अनुसार कई बागी शहर में मौजूद नहीं होने के बावजूद नेताओं को बस आ रहे हैं, आ रहे हैं की गोली देते रहे और समय निकाल दिया। दोनों पार्टियों की ओर से डेमेज कंट्रोल के लिए बनाई गई समितियों के पदाधिकारी भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, रजनी डांगी, गजपालसिंह राठौड़, कांग्रेस के कांग्रेस के वीरेन्द्र वैष्णव, गोपाल शर्मा (गोपजी) आदि मौजूद थे।