झुलसी बच्ची की सफल होमोग्राफ्टिंग
उदयपुर। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के प्लास्टिक एवं कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. आशुतोष सोनी ने बुरी तरह झुलसी डेढ़ वर्षीय बच्ची भाविका को होमोग्राफ्टिंग (स्कीन ग्राफ्टिंग) कर नया जीवन दिया।
डॉ. आशुतोष सोनी ने बताया कि बांसवाडा निवासी बलवीर चारपोटा दो माह पूर्व अपनी डेढ़ वर्षीय पुत्री भाविका को गंभीर व झुलसी हुई स्थिति में लेकर गीतांजली हॉस्पिटल आया। यहां डॉ. सोनी ने बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्चों के आईसीयू (एनआईसीयू) में भर्ती किया। उन्होंने बताया कि मासूम लगभग 40 प्रतिशत जल चुकी थी। उसके मुंह को छोड़कर शरीर का पूरा भाग जिसमें दोनों पांव, छाती, पेट व जननांग बुरी तरह से जल चुके थे।
डॉ. सोनी ने बताया कि पुत्री की जान बचाने के लिए उसकी माँ ने अपनी चमड़ी दी। इसके लिए पहले उसकी माँ का ऑपरेशन किया गया इसमें चमड़ी को निकालकर उसे स्टोर किया फिर उसे होमोग्राफ्टिंग प्रक्रिया (स्कीन ग्राफ्टिंग) द्वारा बच्ची के जले हुए अंगों पर लगाया गया। ऑपरेशन के पश्चात् डेढ़ माह तक मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती रखा गया व हालत में सुधार देखकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉ. सोनी ने बताया कि लगभग 3 घंटे चले आपॅरेशन में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. एसएस जैतावत, डॉ. भगवन्त गोयल व डॉ. नवीन पाटीदार व डॉ. एपी गुप्ता बाल एवं शिशुरोग विशेषज्ञ तथा नर्सिंग टीम का पूरा सहयोग रहा। रोगी के परिजनों ने बताया कि बच्ची खेलते हुए गरम दूध की पतीले के पास जा पहुंची और पतीला उस पर गिर गया जिससे वो बुरी तरह जल गई। उसके तीमारदार उसे तुरन्त बांसवाडा के ही नजदीकी अस्पताल में ले गये। जहां हालत की गंभीरता को देखते हुए उसे उदयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल में ले जाने की सलाह दी गई। यहां उपचार के बाद बच्ची अब गंभीर हालत से बाहर आ गई हैं और उसे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई हैं।