उदयपुर। सन्त पॉल स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित मेले में शहरवासियों ने बड़ी तादाद में शिरकत की। इससे पहले अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक खेलशंकर व्यास ने बतौर मुख्य अतिथि फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया। प्राचार्य फादर जॉर्ज वी.जे. ने गुलदस्ता एवं प्रबन्धक फादर मार्सेल डोडियार ने शॉल पहनाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
अपने संदेश में प्राचार्य फादर जॉर्ज वी.जे. ने कहा कि समय की माँग, सोचने वाला नेतृत्व, सोचने वाला अध्यापक एवं सोचने वाला विद्यार्थी है। ऐसा नहीं है कि हम सोचते नहीं हैं। बिना सोच के शिक्षण क्षेत्र में इतना विकास नहीं दिख सकता और न ही हमारे विद्यार्थी हमें इतना गौरवान्वित कर सकते। आज के इस बाल मेला आयोजन में शाला परिवार के सभी शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावकों ने एक शुभ कार्य हेतु एक साथ काम करके इसी सोच का नमूना प्रस्तुत किया है। प्राचार्य ने बताया कि मेले का आयोजन परिवार मिलन एवं मनोरंजन के साथ-साथ समाजोत्थान एवं मानवीय मूल्यों को उजागर करना था। उन्होंने मेले से प्राप्त धनराशि को कश्मीर बाढ़ पीडि़तों की सहायतार्थ भेजे जाने की बात कही।
मेले में आकर्षण का केन्द्र स्वच्छ भारत का एक नजारा था, जो कई अभिभावकों ने प्रशंसा के तौर पर व्यक्त किया। इसमें सभी आयु वर्ग के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखा गया। बच्चे जहाँ मनोरंजन का आनन्द ले रहे थे वहीं बड़े बुजुर्गों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। स्कूल गायक मण्डली ने युवाओं को अपनी धुन पर नचाया और साथ ही साथ स्वयं गाने-बजाने का अवसर भी दिया। मेला आयोजन समिति के समन्वयक नवनीत सिंह बग्गा ने बताया कि मेले में कुल 68 दुकानें लगाई गई। जिनमें विभिन्न व्यंजनों के साथ-साथ मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई।