उदयपुर। मुख्य आयकर आयुक्त बीपी जैन ने कहा कि देश के विकास को आथिक योगदान के जरिये गति देने में आयकर अधिकारी एंव कर सलाहकार एक सेतु के रूप में कार्य करें।
वे गुरूवार को उदयपुर टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा मुख्य आयकर आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण करने पर हिरणमगरी से.14 स्थित आइसीएआई भवन में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उदयपुर शहर विश्व में अपनी अनेक विशिष्टताओं के कारण पहिचाना जाता है और यह प्रसन्नता की बात है कि यही पहिचान उसने कर संग्रहण के रूप में भी बनाये रखी है। इसके पीछे मुख्य रूप से करदाता एवं विभाग के मध्य कर विशेषज्ञ एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे है। इस अवसर पर आयकर आयुक्त प्रशासन ए.के.जैन एवं आयकर आयुक्त अपील करतारसिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट डॉ. निर्मल कुणावत ने धनकर एंव पूंजीगत लाभ पर आयोजित वार्ता में कहा कि अधिकांश व्यक्तियों को धनकर के बारें में अधिक जानकारी नहीं है। इसके बारें में बताया कि करदाता की सम्पत्तियों का बाजाार मूल्य 30 लाख से अधिक होने पर उसकी धनकर देयता बनती है तथा समय पर भुगतान नहीं करने पर पेनल्टी का भी प्रावधान है।
इससे पूर्व प्रारम्भ में एसोसिएशन अध्यक्ष प्रफल्ल कुमार ओरडिय़ा नेअतिथियों का स्वागत करते हुए उद्बोधन दिया। उदयपुर टेक्स बार चेरिटेबल सोसायटी के चेयरमेन निर्मल धाकड़ ने टेक्स बार की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में एसोसिएशन के सचिव मुकेश बोहरा व सेासायटी सचिव यशवन्त कोठारी सहित करीब 200 से अधिक सदस्य मौजूद थे।