मृतक का अंतिम संस्कार
उदयपुर। भूमि विवाद के चलते शुक्रवार को दिन दहाड़े चाकू के गंभीर वार एवं फायरिंग के मामले में घायल दिलीप चित्तौड़ा की देर शाम एमबी चिकित्सालय में उपचार के दौरान मौत हो गई। प्राथमिक तौर पर पुलिस दिनकर मोगरा, अरूण नागदा, छोटूलाल मीणा और लोकेश पालीवाल सहित पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उधर सुबह पोस्टमार्टम के बाद मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
चित्तौड़ा की हत्या से जहां शहरवासियों में खौफ है वहीं प्रोपर्टी डीलरों में दहशत का माहौल है। अब प्रोपर्टी लेना, दिखाने जाना और बेचना उन्हें खतरे से खाली नहीं लग रहा है। पूरे मामले में जिनका नाम सामने आया है, वे न सिर्फ प्रोपर्टी के फील्ड में अपना खासा वजूद रखते हैं बल्कि उनके खिलाफ पूर्व में भी कई मामले दर्ज हैं।
उल्लेखनीय है कि पाश्र्व कॉलोनी कालका माता रोड़ निवासी प्रोपर्टी डीलर दिलीप उर्फ अप्पू (48) पुत्र मदनलाल चित्तौड़ा की चाकू घोंपकर पर हत्या कर दी गई थी। आरोपी दिनकर मोगरा व उसके सहयोगियों के खिलाफ शहर के थानों में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। बताया गया कि आरोपी छोटूलाल ने दिलीप को फोन कर वारदात स्थल पर बुलाया, जहां ये सभी पूर्व में ही मौजूद थे। जानकारों का कहना है कि दक्षिण विस्तार स्थित मानसरोवर में करीब 14 बीघा जमीन का कोई मामला था जिसमें इन सभी आरोपियों की मिलीभगत से कारस्तानी की गई थी। दिलीप ने पिछले 3-4 साल से काफी मेहनत कर यह सारी कारस्तानी खोल दी थी और मामला भी कोर्ट में पहुंचा दिया था। काफी महंगी जमीन होने के कारण इन सभी प्रोपर्टी डीलरों को बर्दाश्त नहीं हो रहा था। बताया गया कि उक्त जमीन छोटूलाल मीणा की पत्नी के नाम थी। उसकी पत्नी इसी मामले में न्यायालय के चक्कर लगाते लगाते थक गई थी। कुछ समय पूर्व उसने आत्महत्या कर ली थी। इससे छोटूलाल भी इन सभी आरोपियों के साथ मिलकर दिलीप से बदला निकालना चाह रहा था। कल उसे मौका मिला और छोटूलाल के जरिये वारदात स्थल पर बुलवाकर उसकी हत्या कर दी।