गुपचुप होंगे चुनाव तय?
उदयपुर। निकाय चुनाव के प्रदेश प्रभारी गुलाबचंद कटारिया राज्यभर में हो रही बाड़ाबंदी से इतर उदयपुर के निकाय चुनाव को राज्य में अनुशासन की मिसाल बनाना चाहते हैं। इसी कारण कटारिया ने स्पष्ट कर दिया है कि जिसने भी बाड़ाबंदी, दबाव या सिफारिश की, तो वह महापौर नहीं बन पाएगा। इससे सब सहमे हुए हैं, लेकिन महापौर के एक प्रबल दावेदार ने यह तय कर लिया है कि इस बार अगर वो महापौर नहीं बना, तो चुनाव होकर रहेगा। इसकी गुपचुप तैयारी कर ली गई है।
नगर निगम चुनाव के मतदान के बाद वार्ड प्रभारी अपने-अपने पार्षद प्रत्याशियों को घेरे बैठे हैं और भाईसाहब के हुकम के साथ-साथ रणनीति तय हो रही है, वहीं मेयर के दावेदारों ने प्रत्यक्ष नहीं, लेकिन परोक्ष रूप से पार्षदों को अपने पाले में लाने की और उनसे संपर्क साधने की पूरी जुगत लगा दी है। मतदान के बाद ही वार्ड प्रभारियों और प्रत्याशियों की बैठक में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने परिणाम आने तक मेयर पद को लेकर स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं। उन्होंने अपने अंदाज में दावेदारों को साफ कह दिया कि पार्टी का निर्णय मानना पड़ेगा। इसके लिए किसी को संपर्क करने या बाड़ाबंदी जैसी जुगत लगाने की जरूरत नहीं है, लेकिन महापौर के दावेदार अपने-अपने जुगाड़ लगा रहे हैं।
बाड़ाबंदी नहीं, लेकिन निगरानी पूरी : गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के आदेश के बाद भाजपा पार्षदों की बाड़ाबंदी तो नहीं हुई है, लेकिन 55 ही पार्षद प्रभारियों की नजरबंदी में है। कई प्रभारियों ने तो अपने प्रत्याशियों को उन्ही के वार्ड में चुनावी कार्यालय में लाकर बैठा दिया है या फिर किसी विश्वसनीय के घर पर अपने साथ रखा हुआ है। प्रभारियों को स्पष्ट रूप से आदेश दिए गए हैं कि चुनाव परिणाम आने तक कोई भी प्रभारी अपने वार्ड को और प्रत्याशियों को नहीं छोड़ेगा।
दावेदारों की जुगत : भाजपा अपने बोर्ड को लेकर पूरी तरह निश्ंिचत है और यह भी तय माना जा रहा है कि महापौर वही बनेगा, जिस पर कटारिया मेहरबान होंगे। कटारिया ने स्पष्ट कर दिया है कि परिणाम आने तक कोई महापौर पद का नाम नहीं लेगा, जो भी होगा उसके बाद ही तय होगा, लेकिन महापौर के दावेदार कटारिया की चेतावनी के बाद भी अपने-अपने तरीके से अपने विश्वसनीय पार्षदों से किसी प्रकार संपर्क साधने में लगे हुए हैं। कई पार्षदों के पास बिचौलियों के जरिये मैसेज भेजे जा रहे है, तो किसी पार्षद के निकटतम परिचित के जरिये मेयर के दावेदार संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनाव तय : कल 12 बजे तक उदयपुर नगर निगम का बोर्ड तय हो जाएगा और ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार भाजपा का बोर्ड बनाना तय है। भाजपा के कई नेता और पदाधिकारियों में चर्चा का विषय है कि इस बार मेयर के लिए चुनाव तय है। मेयर पद के लिए दावेदार पारस सिंघवी, चंद्रसिंह कोठारी, लोकेश द्विवेदी और नानालाल वया का नाम है। बड़े नेताओं का मानना है कि गुलाबचंद कटारिया के रहते मेयर सर्वसम्मति से ही तय होगा, लेकिन मेयर के दावेदारों ने पार्षद का चुनाव लड़ा ही मेयर बनाने के लिए है। ऐसे में यदि कटारिया का फरमान विपरीत जाता है, तो स्थिति चुनाव तय माने जा रहे हैं।