अहमदाबाद के युवा चित्रकारों की प्रदर्शनी
उदयपुर। बागोर की हवेली में अहमदाबाद के चार युवा चितेरों द्वारा सृजित चित्रों की प्रदर्शनी चल रही है जिसमें संगीत, रंग, जीवन और परावर्तन के भाव उभर कर सामने आये हैं। प्रदर्शनी में दर्शाये दो दर्जन चित्रों में चटक रंगों के प्रयोगों से चित्रकारों ने अपनी भाव प्रवणता को दर्शाया है।
अहमदाबाद के चिन्तन मेवाड़ा ने गुजरात के प्रसिद्ध गरबा नृत्य में पहने जाने वाले परिधान से झलकने वाले रंगों को बारीकी से भांपते हुए कैनवास पर उकेरा है। चिन्तन ने नृत्य का उर्ध्व मूवमेन्ट और उससे छलकने वाले रंगों को रंगों के मिश्रण से बखूबी चित्रित किया है। युवा चित्रकार नमित कड़िया ने संगीत को अपने चित्रों का आधार बनाया। पुरातन और अधुनातन वाद्यों को दर्शाते हुए नमित ने सप्तसुरों की एकरसता को अपने चित्रों में प्रदर्शित किया है। युवा चितेरी पंथिनी ने अपने चित्रों में जीवन के रंगों को विविध अंदाज में दर्शाया है, जिसमें जीवन के स्थायित्व और जीवन की हलचल को सुंदरता से रंगों के संयोजन व कम्पोजिशन के साथ रूपायित किया है।
परावर्तन प्रकृति का नियम है जिसे नैमेष शाह ने अपने चित्रों में अनुठे अंदाज में दिखाने का प्रयास किया है। नैमेष के बनाये चित्रों में सूर्य, चन्द्र से निकलने वाली किरणे जब किसी वस्तु पर पड़ती है तो उससे कैसी ऊर्जा उत्सर्जित होती है और उनका रंग क्या होता को बारीकी से दर्शाने की रचनात्मक पहल की है। प्रदर्शनी रविवार तक चलेगी।