पेनल्टी से बचने के लिए कागजों में हेराफेरी
उदयपुर। अधिकारी जब खुद ही पेनल्टी से बचने के लिए गलियां निकालने लगें तो फिर आम आदमी और कर्मचारी की क्या बिसात? ऐसा ही एक मामला सामने आया है स्थानीय निकाय विभाग का जिसमें लोक सूचना आयोग की लगाई गई डेढ़ लाख की पेनल्टी से बचने के लिए अधिकारियों ने हाजिरी रजिस्टर में भी हेराफेरी कर दी। इसमें उदयपुर नगर निगम में बैठने वाले स्थानीय निकाय विभाग के तत्कालीन क्षेत्रीय उपनिदेशक दिनेश कोठारी और बीएस सांदू भी लपेटे में आए हैं।
मामले के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल कंसारा ने समय बीतने के बावजूद जानकारी नहीं देने पर लोक सूचना आयोग में शिकायत की जिसे सही पाए जाने पर सम्बन्धित पालिका के अधिशासी अधिकारी, लोक सूचना अधिकारी, उदयपुर बैठने वाले क्षेत्रीय उपनिदेशक पर पेनल्टी लगाई गई। अधिकारियों ने पेनल्टी से बचने और स्टे लगाने के लिए मनगढंत और कूटरचित झूठे दस्तावेजों के आधार पर उपस्थिति पंजिका में छेड़छाड़ कर दी और बीमार बताकर झूठी मेडिकल लीव बता दी।
मामले के गड़बड़झाले को गोपाल कंसारा ने जरिये न्यायालय मुकदमा दर्ज कराया जिसमें देवगढ़ पालिका (नपा) अध्यक्ष शोभालाल रेगर, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी लजपाल सिंह, तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी भीखाराम जोशी, सहायक कर्मचारी मनोज कुमार भारद्वाज, तत्कालीन जेईएन शंकरलाल चंगेरिवाल, उदयपुर क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग तत्कालीन उप निदेशक दिनेश कोठारी उदयपुर क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग तत्कालीन उप निदेशक भंवर सिंह सांदू और जयपुर स्थानीय निकाय विभाग के प्रशासनिक अधिकारी फूलचंद गुप्ता को शामिल किया गया है।