– छात्र की घेराबंदी की स्कूल स्टॉफ ने
– मनोचिकित्सक ने कहा, दूर रहे स्कूल स्टॉफ
उदयपुर। डीपीएस स्कूल के हॉस्टल में छात्र साहिल खान के आत्महत्या के मामले में स्कूल प्रबंधन पूरे मामले की लीपापोती करने में जुटा है वहीं बच्चे के परिजन फिलहाल सिर्फ बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे हैं। स्कूल स्टाफ अस्पताल में छात्र के परिजनों को घेरे हुए है तो राजस्थान मुस्लिम महासभा ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिया।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र साहिल खान ने स्कूल परिसर में ही स्थित हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था। उसके सिर में चोट आई जिसे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। बच्चे के परिजन फिलहाल बच्चे की सलामती के अलावा और कुछ नहीं सोच पा रहे हैं वहीं स्कूल प्रबंधन छात्र के परिजनों की घेराबंदी किए है कि कहीं वे स्कूल के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं कर दें जबकि मनोचिकित्सक के अनुसार छात्र के होश में आने पर उसके सामने स्कूल स्टॉफ का जाना उसके लिए खतरे से खाली नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल स्टॉफ को छात्र से अधिक अपनी प्रतिष्ठा की चिंता है, संभवत: इसलिए परिजनों को छोड़ ही नहीं रहा है। स्कूल का कोई न कोई बंदा हर समय परिजनों को घेरे हुए है। यहां तक कि प्रिंसिपल नीरू टंडन तो छात्र के वार्ड तक आ-जा रही हैं जबकि आम तौर पर उक्त चिकित्सालय में मरीज के परिजनों तक को वार्ड में आने-जाने नहीं दिया जाता।
राजस्थान मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूनुस शेख ने बताया कि वे बच्चे के परिजनों से मिलकर आए हैं। शेख ने बताया कि अस्पताल में स्कूल वालों ने पूरी तरह बच्चों के परिजनों की घेराबंदी कर रखी है। परेशान परिजनों द्वारा फिलहाल कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन मुस्लिम महासभा ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से कानूनी कार्रवाई की मांग की है। अस्पताल के सीईओ आनंद झा ने बताया कि बच्चे की हालत गम्भीर लेकिन स्थिर है।
जानकारों के अनुसार स्कूल प्रिंसिपल, स्टॉफ व हॉस्टल वार्डन से परेशान होकर साहिल ने आत्मह्त्या का प्रयास किया जबकि स्कूल प्रशासन आरोपों को निराधार बताते हुए घटना को महज एक एक्सीडेंट बता रहा है।