सुप्रीम कोर्ट की टीम ने जताया आश्चर्य, बैन के बावजूद हो रहा है धड़ल्ले से उपयोग
उदयपुर। वर्ष 2010 में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद शहर में पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जिम्मेदारों के लिए इससे अधिक शर्म की बात क्या होगी कि पशुओं के पॉलीथिन खाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच करने के लिए अपनी टीम भेज दी।
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर होने के बावजूद यहां पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। कभी-कभार जांच के नाम पर छोटे-मोटे लॉरीचालकों या दुकानदारों से दस, बीस या पचास किलो पॉलीथिन जब्त कर अपनी कार्रवाई बताने का प्रयास किया जाता रहा है लेकिन इसे गंभीरता से अब तक नहीं लिया गया, इसी का नतीजा यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं की आई टीम ने भी घोर आश्चर्य व्यक्त किया कि यहां बैन होने के बावजूद इस तरह धड़ल्ले से उपयोग न सिर्फ जनता के लिए नुकसानदायक है बल्कि नियमों की भी अनदेखी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एक अगस्त, 2010 को प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, बेचान, स्थानांतरण और आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। अभियान चलाकर दुकानदारों को पॉलीथिन कैरी बेग में सामान नहीं बेचने और जनता को पॉलीथिन में सामान नहीं खरीदने के लिए भी कहा गया लेकिन सख्ती के अभाव में एक भी कानूनी मामला अब तक नहीं बना। अब फिर से 15 दिन का अभियान चलाया जा रहा है।
सिर्फ खानापूर्ति : एक दिसंबर से शुरू हुए अभियान में अब तक सिर्फ खानापूर्ति ही हुई है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र सैनी के अनुसार अब तक 38 किलो पॉलीथिन कैरी बैग जब्त कर 50 चालान काटे गए हैं। इनमें खोमचा वाले, ठेले वाले, किराना दुकान वाले आदि शामिल हैं। सैनी के अनुसार जो प्लास्टिक का उपयोग करता दिखाई देता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पॉलीथिन का उपयोग करने के मामले में तीन महीने की सजा और 22 सौ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान भी है, लेकिन चार सालों में शहर में ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बड़े विक्रेताओं को छूट : अभियान के दौरान सिर्फ ठेले वाले सब्जी विक्रेता, छोटे-मोटे किराना व्यवसायियों पर ही कार्रवाई की जाती है लेकिन पॉली बैग का भंडारण करने वाले बड़े विक्रेताओं पर अब तक कभी कार्रवाई नहीं की गई जबकि सिर्फ मंडी में पॉलीथिन, प्लास्टिक के उत्पादक बेचने वाले कई होलसेल विक्रेता मौजूद हैं।
अभियान खत्म, वापस उपयोग शुरू : पॉलीथिन कंट्रोल अभियान की जानकारी के बाद विक्रेताओं और दुकानदारों ने पॉलीथिन बैग रखना बंद कर दिया है। जो इनके पास थी, उसे महफूज रख दिया गया है। अभियान समाप्ति के बाद यही लोग वापस पॉलीथिन का उपयोग शुरू कर देंगे।