620 लाख खर्च हुए शिक्षा, शोध और ट्रेनिंग पर कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय डबोक के अन्तर्गत संचालित सीटीई कार्यक्रम सलाहार समिति की बैठक विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन प्रतापनगर में वाइस चांसलर प्रो. एसएस सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई।
विश्वविद्यालय द्वारा केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत शिक्षा सुधार, शोध एवं टे्रनंग पर 6 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च किए गए। बैठक में सत्र 2013-14 का प्रतिवेदन एवं सत्र 2014-15 में प्रस्तावित कार्यक्रमोंं का विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में एसआईईआरटी की निदेशक विनिता बोहरा, शिक्षा उपनिदेशक कृष्णा चौहान, प्रो. एबी फाटक, प्रो. केसी मालू, डॉ. रश्मि भार्गव, प्राचार्य डॉ. शशि चितौड़ा, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. देवेन्द्रा आमेटा, डॉ. कैलाश चौधरी, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. प्रेमलता गांधी ने विचार व्यक्त किए।
रिसर्च को दें प्राथमिकता : उच्च शिक्षा क शिक्षकों से कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने आव्हान किया कि प्रोफेसर 50 फीसदी टीचिंग पर तो 50 फीसदी रिसर्च पर ध्यान दें। ज्यादा से ज्यादा शोध वर्क को महत्व दें तथा विद्यार्थियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। उच्च शिक्षा से जुड़े प्रबंध पत्रों को अधिक से अधिक जोड़ा जाना चाहिए।
इन मदों में हुआ खर्च : प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि प्रस्ताव के अन्तर्गत शोध वर्क पर 15 लाख, रिसोर्स सेंटर एंड डॉक्यूमेंटेशन के लिए 7.50 लाख, शिक्षकों के कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए 40 लाख, आमंत्रित कार्यक्रमों पर 15 लाख, शिक्षण प्रशिक्षण तकनीकों पर 10 लाख, नई तकनीक विकसित पर 15 लाख, मेटेरियल डवलपमेंट पर 7.5 लाख तथा ऑन साइट टीचर्स सपोर्ट पर 10 लाख खर्च किए गए।
ये आये सुझाव : प्राचार्य डॉ. शशि चितौड़ा एवं सीटीई प्रभारी डॉ. कैलाश चौधरी ने बताया कि समिति की बैठक में मुख्य रूप से ये सुझाव आये जिसमें इन सर्विस टीचिंग स्टाफ क लिए समर वेकेशन में 21 दिन का विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाए। विद्यापीठ के डबोक स्थित एलएमटीटी में इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर सत्र आरंभ होने से कार्य शुरू हो जाना चाहिए। मोबाइल यूनिट के माध्यम से टीचर्स के टे्रनिंग की व्यवस्था की जाए। सीनियर सैकण्डरी टीचर्स के लिए अलग से प्री सर्विस कोर्स का संचालन हो।