– निगम की कार्रवाई से अतिक्रमियों में हड़बड़ी
उदयपुर। नवनियुक्त महापौर चंदरसिंह कोठारी द्वारा अतिक्रमण, अवैध और नियम विपरीत हुए निर्माण के खिलाफ चलाई गई कार्रवाई से नागरिकों में जहां खुशी है, वहीं अतिक्रमियों में खौफ भी है। सब महापौर से जुगाड़ बिठाने की कडिय़ां तलाश रहे हैं तो मेयर साब के खिलाफ पार्टी के अतिक्रमियों ने बगावत शुरू कर दी है। स्पष्ट है कि अधिकतर अवैध निर्माण और अतिक्रमण पार्टी के लोगों द्वारा ही किए गए हैं।
लगातार दो दिन से चल रही अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई में आज सुबह देहलीगेट स्थित तैयाबिया स्कू ल की बेची गई जमीन पर बन रहे कॉम्लेगिराक्स की चौथी मंजिल से अतिक्रमण हटाया गया। निगम के अनुसार इसकी चौथी मंजिल अवैध रूप से बनाई गई है जबकि स्वीुकृति तीसरी मंजिल तक की ही थी। निर्माण स्वीकृति जारी करने में भी काफी घालमेल की गई, जिसके छींटे पूर्व महापौर रजनी डांगी के दामन पर भी लगे थे।
तैयाबिया स्कूल के एक हिस्से को प्रबंधन ने जूजर अली को बेच दिया था। यह बेचान सात करोड़ में हुआ। नियम-कायदे ताक में रखकर निगम ने इस पर निर्माण स्वीकृति जारी की थी। महाराणा मेवाड़ की तरफ से उक्त जमीन बोहरा समुदाय को केवल बालिका शिक्षा के लिए आबंटित की गई थी। यह कथन समुदाय को आवंटित पट्टे में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि उक्त जमीन का बालिका शिक्षा के अलावा दूसरा उपयोग नहीं होगा। जमीन को बेचा नहीं जा सकेगा और न ही रहन या बख्शीश दिया जा सकेगा। इसके बावजूद निगम द्वारा जारी निर्माण स्वीकृति प्रश्नचिह्न खड़े कर रही है। बाद में स्कूल प्रबंधन में कतिपय भ्रष्ट और स्वार्थी लोग शामिल हो गए, जिन्होंने निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए स्कूल की बेशकीमती जमीन का अवैध बेचान कर दिया। कड़ी कार्रवाई के बजाय कार्यवाहक राजस्व अधिकारी द्वारा नाममात्र की कार्रवाई करने, छत का एक कोना तोडक़र आ जाने से पूरा कार्यकाल ही ठंडे बस्ते में चला गया था। इससे अतिक्रमणकारियों के हौसले काफी बुलंद थे।
उधर दोपहर बाद दूधतलाई स्थित मुष्टिक हनुमानजी अखाड़ा संचालक द्वारा सरकारी जमीन पर किया गया अतिक्रमण भी हटाया गया। इस दौरान एक केबिन, अखाड़े की बनी रिंग व अन्यं सामग्री हटाई गई। संचालकों ने नारेबाजी भी की लेकिन पुलिस जाब्तां होने के कारण कोई कुछ नहीं कर पाए और निगम अतिक्रमण हटाने में कामयाब रहा।