– कांस्टेबल ने हड़पा मकान, कहीं सुनवाई नहीं
उदयपुर। मानवता के नाते पुलिसकर्मी को मकान रहने के लिए देना उसे महंगा पड़ गया और अंततोगत्वा पुलिसकर्मी खुद ही मकान मालिक बन बैठा। यही नहीं, झूठे मुकदमे में फंसाकर उसे थाने के चक्कर काटने पर मजबूर कर दिया। पीडि़त ने पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
डबोक निवासी उदयलाल पिता मीठा लाल ने बताया कि उसने चार साल पहले अपने परिचित सवराम जाट के आग्रह करने पर प्रतापनगर रकमपुरा स्थित अपना मकान कांस्टेबल मांगीलाल जाट को रहने के लिए दिया। मकान में एक किचन बना हुआ है। उदयलाल का कहना है कि सवराम ने बताया कि मांगीलाल की पत्नी गर्भवती है, इसलिए प्रसूति का समय निकालने के लिए मकान दे दो ताकि भागदौड़ के लिए दूर न जाना पड़े। इस पर मानवता के नाते उदयलाल ने मांगीलाल को मकान दे दिया। प्रसूति का समय हो जाने के बाद जब उदयलाल ने मांगीलाल को मकान खाली करने को कहा तो पहले तो मांगीलाल टालमटोल करता रहा और बाद में मकान खाली करने से मना कर दिया। उदयलाल का आरोप है कि मांगीलाल ने अपनी पत्नी को जरिया बनाकर उदयलाल के पुत्र और अन्य पर झूठा मुकदमा करवा दिया।
उदयलाल ने बताया कि उसके मकान के झूठे कागजात तैयार करवा कर मकान में मांगीलाल ने अपने नाम से बिजली कनेक्शन भी प्राप्त कर लिया है तथा अन्य कमरे में रखा सामान भी अपने कब्जे में लेकर पूरे मकान व खाली प्लाट पर कब्जा कर लिया है।
मकान खाली करने के मांगे पांच लाख : उदयलाल का आरोप है कि मांगीलाल उससे मकान खाली करने की एवज में पांच लाख रुपये मांग रहा है जो देने की मेरी हैसियत नहीं है। मकान खाली करने का तकाजा करते ही वह मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी देता है।
एसपी व सीआई को भी की शिकायत : उदयलाल ने बताया कि वह पूर्व में चार बार पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दे कर मकान दिलवाने की गुहार कर चुका है। प्रतापनगर थानाधिकारी को भी इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मकान मेरे नाम : कांस्टेबल मांगीलाल से संपर्क किया तो उसने कहा कि मकान मेरे नाम है और कागज़ भी हैं। जब उससे कागज दिखाने को कहा तो तीन दिन तक टालमटोल करने के बावजूद न तो वह आया और न ही कागजात लाया।