मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमण्डल का दौरा
उदयपुर। आयड़ नदी में स्थापित ग्रीन ब्रिज दूषित जल उपचार तकनीक का मध्यप्रदेश शासन द्वारा नर्बदा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने में उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के एक उच्चस्तरीय दल ने सूखा नाका जाकर ग्रीन ब्रिज योजना की जानकारी ली।
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, उदयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी जगदीश सिंह ने दल की अगवानी की। यूसीसीआई सभागार में आयोजित “नदी पुनरुद्धार की प्राकृतिक तकनीक“ विषयक परिचर्चात्मक बैठक में झील संरक्षण समिति के तेज राजदान ने कहा कि योजना आयोग तथा पर्यावरण मंत्रालय ने गंगा-यमुना नदियों में जा रहे दूषित जल के उपचार हेतु ग्रीन ब्रिज तकनीक के उपयोग को सर्वश्रेष्ठ बताया है। श्री तेज राजदान ने कहा कि ग्रीन ब्रिज तकनीक से अल्प लागत में तथा बिना किसी ऊर्जा, केमिकल खपत के सिवरेज का उपचार हो जाता है।
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, भोपाल के चेयरमैन एनपी शुक्ला ने बताया कि अमरकंटक से अधिराजकोट तक 1069 किलोमीटर तक के नर्मदा नदी के जल क्षेत्र को पूर्णतया प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। धार्मिक आस्था के चलते लोग न केवल नर्मदा में स्नान करते है अपितु इसके पानी का पीने के लिये भी उपयोग में लेते है। एम.पी. प्रदूशण नियंत्रण मण्डल द्वारा आयड़ नदी ग्रीन ब्रिज योजना की तर्ज पर ही जन सहयोग, बड़े उद्योगपतियों तथा स्थानीय प्रषासन का सहयोग लेकर यह बायो उपचार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने की महत्ती परियोजना प्रारम्भ की गई है। इसके साथ ही नर्मदा नदी के किनारों से अवैध निर्माण हटाकर पौधरोपण भी प्रारम्भ किया गया है। कॉरपोरेट सोशल रेस्पोन्सीब्लीटी (सी.एस.आर.) के तहत उद्यमियों के साथ नर्बदा के तट के किनारे 35 लाख पेड़ लगाने का अनुबन्ध किया जा चुका है। उज्जैन के क्षेत्रीय अधिकारी पीके त्रिवेदी ने माना के ग्रीन ब्रिज योजना इको तकनीक एवं जनसहभागिता का सफल उदाहरण है। मध्यप्रदेश ऐसे प्राकृतिक तरीकों को नर्बदा नदी सुधार योजना में उपयोग किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से मध्यप्रदेश का प्रतिनिधिमण्डल उदयपुर आया है। परिचर्चा के दौरान राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, उदयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी जगदीश सिंह, यूसीसीआई के अध्यक्ष विनोद कुमट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीपी राठी, उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी, मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने भी विचार व्यीक्तउ किए।